रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी मानसून 2025 को देखते हुए प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बाढ़ से निपटने के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में मंत्रालय महानदी भवन में शुक्रवार को राज्य की उच्च स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने की।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- जिलों में राहत एवं बचाव के निर्देश: सभी कलेक्टरों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार राहत और बचाव कार्यों की तैयारी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
- बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना: राज्य स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिए गए हैं। संपर्क नंबर:0771-2223471, 0771-2223472, 0771-2221242
- जिला स्तर पर भी अलग-अलग नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेंगे।
- खाद्य, दवाई व मेडिकल टीमें तैयार: पहुंचविहीन क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, दवाइयां, नमक, केरोसिन आदि का पूर्व स्टॉक रखने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही, चिकित्सा टीमों का गठन कर उन्हें तैयार रहने के लिए कहा गया।
- नालियों और पेयजल स्त्रोतों की सफाई: नगरीय प्रशासन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को नालियों की नियमित सफाई और ब्लिचिंग पाउडर के छिड़काव के निर्देश दिए गए हैं।
- जर्जर भवनों की निगरानी: शहरी इलाकों में जर्जर इमारतों की पहचान कर वहां रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की तैयारी करने के निर्देश दिए गए।
- बड़े जलाशयों और नदियों पर नजर: जहां बड़ी नदियां बहती हैं, वहां जल स्तर पर सतत निगरानी रखने और खतरे का निशान पार करने पर पूर्व चेतावनी प्रणाली सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं। बड़े बांधों से पानी छोड़ने से पहले 12 घंटे पहले निचले जिलों और सीमावर्ती राज्यों को सूचना देने को कहा गया है।
- खराब पुल-पुलियों की मरम्मत: कमजोर पुल, पुलियों और इमारतों की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए गए हैं।
भाग लेने वाले अधिकारी:
इस बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आयुक्त मनरेगा तारण प्रकाश सिन्हा, और गृह, स्वास्थ्य, जल संसाधन, ऊर्जा, खाद्य आपूर्ति, नागरिक सुरक्षा, मौसम विभाग और दूरसंचार विभाग सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।