Cabinet Meeting Decisions: बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कैबिनेट ने पांच अहम फैसलों पर अपनी मोहर लगाई. जिसमें एक बार फिर किसानों के हित में दो फैसले लिए तो वही रेलवे और सड़क के क्षेत्र में बाकी फैसले लिए. मोदी कैबिनेट की बैठक में किसानों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. मोदी कैबिनेट ने लागत से 50 फीसदी ज़्यादा MSP को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी .
मंत्रिमंडल ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. यह वृद्धि भारत में उत्पादन की भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय की गई है, जैसा कि 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषित किया गया था.
खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि
- नाइजर्सीड में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो 820 रुपये प्रति क्विंटल है.
- इसके बाद रागी में 596 रुपये प्रति क्विंटल, कपास में 589 रुपये प्रति क्विंटल और सेसामम में 579 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है.
- विपणन सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी दरें:
अनाज
- धान (सामान्य): 2369 रुपये प्रति क्विंटल
- ज्वार (हाइब्रिड): 3699 रुपये प्रति क्विंटल
- बाजरा: 2775 रुपये प्रति क्विंटल
- रागी: 4886 रुपये प्रति क्विंटल
- मक्का: 2400 रुपये प्रति क्विंटल
दालें
- तूर/अरहर: 8000 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंग: 8768 रुपये प्रति क्विंटल
- उड़द: 7800 रुपये प्रति क्विंटल
तेल बीज
- मूंगफली: 7263 रुपये प्रति क्विंटल
- सूरजमुखी बीज: 7721 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन (पीला): 5328 रुपये प्रति क्विंटल
- सेसामम: 9846 रुपये प्रति क्विंटल
- नाइजर्सीड: 9537 रुपये प्रति क्विंटल
व्यावसायिक फसलें
- कपास (मध्यम स्टेपल): 7710 रुपये प्रति क्विंटल
- कपास (लंबा स्टेपल): 8110 रुपये प्रति क्विंटल
इन दरों से किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. सरकार ने हाल के वर्षों में दालों, तेल बीजों और पोषक-अनाजों जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसपी का उपयोग किया है.
किसानों के हित में दूसरा बड़ा फैसला कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मौजूदा 1.5% ब्याज सहायता के साथ संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) को जारी रखने को मंजूरी दी है और आवश्यक धन व्यवस्था को भी मंजूरी दी है.
इस योजना की विशेषताएं है
- लघु अवधि के ऋण: किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से किसानों को 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के ऋण 7% की सब्सिडी वाले ब्याज दर पर प्रदान किए जाते हैं.
- ब्याज सहायता: पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज सहायता प्रदान की जाती है.
- समय पर भुगतान प्रोत्साहन: समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3% का प्रोत्साहन दिया जाता है, जिससे उनकी ब्याज दर 4% हो जाती है.
- पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए ऋण: पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए लिए गए ऋण पर 2 लाख रुपये तक ब्याज लाभ लागू होता है.
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ
- किसानों को सस्ता ऋण: योजना के तहत किसानों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें अपनी कृषि गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलती है.
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि: योजना के तहत ऋण प्राप्त करने से किसानों को अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है.
- आर्थिक समावेशन: योजना के तहत ऋण प्राप्त करने से छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलती है.
इस योजना के तहत 7.75 करोड़ से अधिक KCC खाते हैं, और इसके जारी रहने से कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिलेगी .
कैबिनेट का तीसरे फैसले में आंध्र प्रदेश में 4-लेन बडवेल-नेल्लोर राजमार्ग के विकास को मंजूरी दी है, जो बडवेल-गोपावरम गांव (एनएच-67) से शुरू होकर गुरुविंदपुडी (एनएच-16) तक जाएगा. इस परियोजना की कुल लागत ₹3,653.10 करोड़ है और इसकी कुल लंबाई 108.134 किलोमीटर होगी.
परियोजना की विशेषताएं
- चार लेन का राजमार्ग: यह परियोजना आंध्र प्रदेश में यातायात की सुविधा और सुरक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
- कुल लागत: परियोजना की कुल लागत ₹3,653.10 करोड़ है, जो इसके महत्व और आकार को दर्शाती है.
- लंबाई: परियोजना की कुल लंबाई 108.134 किलोमीटर है, जो कई गांवों और शहरों को जोड़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी.
इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की संभावना है, साथ ही यातायात की सुविधा और सुरक्षा में भी सुधार होगा .
कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, जो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लागू की जाएंगी. इन परियोजनाओं में शामिल हैं. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को कवर करने वाली इन दोनों परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि होगी.