रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून की आधिकारिक एंट्री से पहले ही मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटों में रायपुर, बस्तर समेत कई इलाकों में बारिश दर्ज की गई है। बारिश और ठंडी हवाओं के कारण गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी एक सप्ताह तक प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी, वहीं कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है।
बीते दिन प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। सोमवार को सबसे अधिक तापमान बिलासपुर में 36.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान दुर्ग में 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। अगले तीन दिनों में यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और बंगाल की खाड़ी के हिस्सों सहित पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों तक पहुंच सकता है।
निम्न दबाव और चक्रवाती परिसंचरण का असर
मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में बने निम्न दबाव के क्षेत्र और ऊपरी वायुमंडल में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के चलते प्रदेश में बारिश की संभावना बनी हुई है। साथ ही, पूर्व-मध्य अरब सागर से एक द्रोणिका रेखा तटीय आंध्र प्रदेश तक फैली हुई है, जिससे राज्य के कई इलाकों में वर्षा की गतिविधियां तेज हो सकती हैं।
अलर्ट जारी: ऑरेंज और येलो जोन में ये जिले शामिल
राज्य के कई जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है:
- ऑरेंज अलर्ट: कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद और दुर्ग जिलों में तेज गरज-चमक, बिजली गिरने और 40–60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
- येलो अलर्ट: सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, महासमुंद, बेमेतरा, कबीरधाम सहित अन्य जिलों में गरज-चमक, बिजली गिरने और 30–40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
रायपुर में हल्की बारिश की संभावना
राजधानी रायपुर में बादल छाए रहने के साथ गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। अधिकतम तापमान लगभग 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।
सावधानी बरतने की अपील
मौसम विभाग ने नागरिकों से खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहने और सतर्क रहने की अपील की है, विशेष रूप से आकाशीय बिजली और तेज हवाओं से बचाव के लिए।