रायपुर :- छत्तीसगढ़ में बदले मौसम के मिजाज और विद्युत विभाग की लापरवाही ने किसानों पर कहर ढा दिया है। राज्य के दो अलग-अलग जिलों से सामने आई घटनाओं में आकाशीय बिजली और टूटे बिजली तारों की चपेट में आकर इंसानों और पशुओं की मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। साथ ही प्रशासन और विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कोरबा: आकाशीय बिजली से 15 बकरियों और एक बालक की मौत
कोरबा जिले के छुईडोडा सोल्वा में सोमवार दोपहर मौसम अचानक बिगड़ गया। तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ के नीचे खड़ी 15 बकरियां मौके पर ही मारी गईं। हादसे के वक्त किसान रामलाल, दुलार और अमर सिंह अपने मवेशियों को चराने मैदान में गए थे। इस घटना से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
इसी दिन गोढ़ी गांव में एक और दर्दनाक हादसा हुआ, जब 15 वर्षीय बालक आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया। वह अपने दोस्तों के साथ आटा चक्की से घर लौट रहा था। मां उसकी राह देखती रही, लेकिन बेटे की लाश ही घर लौटी। यह घटना पूरे गांव को शोक में डुबो गई।
अभनपुर: खेत में गिरे करंटयुक्त तार से 7 मवेशियों की मौत
रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र के ग्राम सोंठ में बिजली विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। खेत में गिरे करंटयुक्त बिजली तार की चपेट में आकर सात मवेशियों की जान चली गई। बताया गया कि पांच दिन पहले बिजली का तार खंभे से टूटकर खेत में गिर गया था, लेकिन शिकायत के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ग्रामीणों ने लाइनमैन सीताराम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिजली से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करने पर वह न सिर्फ टालमटोल करते हैं, बल्कि ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार भी करते हैं। इस लापरवाही से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
प्रशासन और विद्युत विभाग की कार्यशैली पर सवाल
इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आपदा प्रबंधन और बिजली विभाग की निगरानी व्यवस्था कितनी तैयार और संवेदनशील है। ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।