HIGH COURT CHATTISGARH

महिलाओं नागरिकों के लिए जी का जंजाल बनी सिरगिट्टी शराब भट्टी हटाने हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

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महिलाओं नागरिकों के लिए जी का जंजाल बनी सिरगिट्टी शराब भट्टी हटाने हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर । सिरगिट्टी मुख्य मार्ग पर स्थित शराब भट्टी ने स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इसके कारण महिलाएं और आमजन आए दिन असुविधाओं का सामना कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है। मामला सिरगिट्टी तारबाहर क्षेत्र की उस शराब भट्टी से संबंधित है, जो सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रही है। यह भट्टी अंडर ब्रिज के पास स्थित है, जहां शाम के समय शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके चलते महिलाओं और स्थानीय निवासियों को असुविधा और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।नागरिकों की ओर से कई बार इस भट्टी को हटाने के लिए ज्ञापन दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शराबियों की गतिविधियों के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन जाती है, और कई बार महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई हैं। 28 जनवरी 2025 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के आधार पर, उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत किया। न्यायालय ने प्राथमिक सुनवाई के दौरान पाया कि उक्त शराब भट्टी न केवल अंडर ब्रिज के पास स्थित है, बल्कि मंदिर और आवासीय क्षेत्रों के भी करीब है, जो कि सरकारी नियमों का उल्लंघन है।
माननीय न्यायालय ने प्रतिवादी क्रमांक 2 (सचिव, आबकारी विभाग) और प्रतिवादी क्रमांक 5 (आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर) को व्यक्तिगत हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस हलफनामे के माध्यम से यह स्पष्ट किया जाएगा कि शराब भट्टी के संचालन को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और आगे क्या कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शराब भट्टी के कारण महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। शराबी मुख्य सड़क पर अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे जाम लग जाता है। वहीं, शराब भट्टी के अंदर बनाए गए घेरों में लोग शराब पीते हैं और फिर सार्वजनिक जगहों पर जाकर शोर-शराबा करते हैं।मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई है। न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारी अपनी रिपोर्ट और हलफनामे के साथ पेश हों।

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