सीपत एनटीपीसी में ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर मुआवजे को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन
– सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। एनटीपीसी सीपत में कार्यरत गैंगमैन की ड्यूटी के दौरान गश खाकर गिरने से हो गई मौत। सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम कुकदा निवासी कपिल कैवर्त (46) पिछले 15 वर्षों से एनटीपीसी के रेलवे लाइन में गैंगमैन का काम करता था रोजाना की तरह 22 जनवरी बुधवार की सुबह काम करने रेलवे ट्रैक में गया था। 11 बजे के आसपास धनिया और बनियाडीह के बीच अन्य साथियों के साथ ट्रेन की पटरी में कार्य कर रहा था।इसी दौरान कपिल कैवर्त गश खाकर पटरी में गिर गया। जिससे उसके सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटे आई। उसे उसी हालत में नगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान चार दिन बाद अस्पताल में कपिल की मौत हो गई। मौत की खबर के बाद बड़ी संख्या में कुकदा के ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह 10 बजे कुकदा और आमानारा के बीच रेलवे लाइन पर बैठकर एनटीपीसी के कोयला ट्रेन के परिचालन को प्रभावित कर दिया। इस दौरान शव के पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजन शव को लेकर धरना स्थल पर पहुंच गए। परिजन व ग्रामीणों ने एनटीपीसी प्रबंधन से मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने व 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग को लेकर अड़े रहे। सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक चले धरना प्रदर्शन अधिकारियों के आश्वासन के बाद बंद हुआ।
मृतक की विधवा को पेंशन व बेटे को नौकरी देने बनी सहमति
धरना प्रदर्शन के रूप को गहराते देख मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया व जनपद पंचायत सभापति नूर मोहम्मद व परिजनों की मांग पर मृतक की विधवा को कपिल कैवर्त के सैलरी के 90 प्रतिशत राशि को पेंशन के रूप में उसके 60 वर्ष की उम्र होते तक दिए जाने और उसके 15 वर्षीय पुत्र को बालिग होने के बाद पिता के स्थान पर नौकरी देने की सहमति बनी। नायब तहसीलदार देश कुमार कुर्रे, थाना प्रभारी गोपाल सतपथी व एनटीपीसी एमजीआर विभाग के एजीएम नीरज साहू व परिजनों के बीच सुलह हुई। इसके बाद धरना प्रदर्शन शांत हुआ।
ग्रामीणों का आरोप एनटीपीसी प्रबंधन मामले को दबाने में लगी थी
ग्रामीणों ने एनटीपीसी प्रबंधन पर यह आरोप लगाते हुए रेल कि पटरी पर रेल यातायात प्रभावित करने प्रदर्शन किया की प्रबंधन घटना दिवस 22 जनवरी को कपिल कैवर्त को काम पर नही आने की बात कह रही थी। जबकि ड्यूटी में आने के बाद सुबह 9 बजे के ग्रुप फोटो में वह साफ दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुआवजा व नौकरी नही देना पड़े इसलिए प्रबंधन ऐसा कर रही है। थाना प्रभारी सतपथी ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि ग्रामीण और परिजनों को मामले को लेकर कन्फ्यूजन है हम ऐसा नही कह रहे है।