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नवरात्रि के अवसर पर विशेष- कतियापारा दुर्गा मंदिर

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नवरात्रि के अवसर पर विशेष- कतियापारा दुर्गा मंदिर

– सुरेश सिंह बैस

बिलासपुर। स्थानीय जूना बिलासपुर के कतियापारा दुर्गा चौक में स्थित दुर्गा मंदिर में शारदीय नवरात्र का उत्सव बड़ी धूमधाम से प्रारंभ हो चुका है । इस मंदिर में आने वाले पूरे नौ दिन में भक्तों की खूब आमद रफत रहेगी। यहां नित्य नौ दिन तक अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । इस मंदिर की स्थापना का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है आज से तकरीबन पचास वर्ष पूर्व इस स्थान पर जहां पर आज मंदिर स्थित है, इसी स्थान पर लोगों के पेयजल की व्यवस्था और अन्य कार्यों के लिए स्थानीय वरिष्ठ नागरिक रतन गढ़ेवाल द्वारा एक कुआं का निर्माण कराया गया । उस समय एक पीपल का पेड़ भी लगा दिया था जो आज बढ़कर काफी बड़ा वृक्ष बन चुका है । इसी वृक्ष के नीचे मोहन लाल गढ़ेवाल द्वारा मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर दी गई और तभी से इस जगह पर लोगों ने श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना और भजन कीर्तन करने का कार्य प्रारंभ कर दिया। समय के साथ-साथ कुआं सूखकर मिट्टी से पट गया। तब तक लोगों की आस्था इस देवी स्थान पर काफी बढ़ चुकी थी । लोगों के द्वारा नित्य भक्ति भाव से यहां पूजा अर्चना किया जाने लगा। अब इस स्थान पर सभी जनों के द्वारा एक मंदिर स्थापित किए जाने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी, तब स्थानीय नागरिकों ने एक बैठक आयोजित की और सभी की मांग के अनुसार यहां माँ दुर्गा की एक भव्य मंदिर स्थापित करने का सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया। मंदिर स्थापना के लिए बाकायदा एक मंदिर स्थापना व संचालन समिति बनाई गई। जिसके स्थानीय गण व अन्य वरिष्ठ जन समिति में पदाधिकारी के रूप में पूरे मनोयोग से कार्यरत हैं। मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी संजय गढ़ेवाल द्वारा किया जाता है। समिति संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य ताराचंद गढ़वाल ने बताया कि मंदिर के नित्य पूजा पाठ भजन कीर्तन किए जाने से यहां आसपास का माहौल बड़ा ही भक्तिमय और सात्विक रहता है। हम सभी मोहल्ले वासी अपनी ओर से इस मंदिर का ध्यान व देख-रेख ,व्यवस्था में सहयोग करते हैं। ताराचंद गढेवाल ने आगे बताया कि यहां इस मंदिर में प्रतिवर्ष नवरात्रि के अवसर पर 21 ज्योति कलश स्थापित किए जाते हैं। वही जवारा कलश जो 151 की संख्या में रहते हैं, वह जवारा विसर्जन के समय एक रैली के रूप में महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन करते हुए निकाली जाती है। वर्तमान में जो मंदिर स्थापित है यह करीब पचीस वर्ष पूर्व सभी स्थानीय नागरिकों व अन्य दानदाताओं की मदद से एक भव्य मां दुर्गा का एक भव्य मंदिर स्थापित किया गया। मंदिर स्थापना के लिए कतिया समाज का विशेष रूप से सहयोग रहा ।मंदिर स्थापना के साथ मां दुर्गा की भव्य मूर्ति भी स्थापित की गई। इस अवसर पर बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना और साल के दोनों नवरात्रि यथा चैत्र नवरात्रि और शारदेय नवरात्रि में पूरे भक्ति भाव से नौ दिन लोगों के द्वारा सामूहिक रूप से मां की आराधना, पूजा अर्चना पूरे उत्साह पूर्वक किया जाता है। मंदिर में पूजा का कार्य भार प्रारंभ से ही पंडित व्यास नारायण तिवारी जी द्वारा किया जाता था। वर्तमान में यहाँ माँ की पूजा अर्चना उनके सुपुत्र पंडित मनीष तिवारी द्वारा किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की भांति मंदिर में मंदिर में विशेष पूजा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भजन कीर्तन, कन्या भोज, और भंडारा एवं जवारा स्थापित किया जाता है। यह प्रत्येक नवरात्रि में संपन्न किया जाता है। मंदिर की स्थापना मई महीने में की गई थी अतः प्रत्येक वर्ष मई के महीने में मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर भी यहां विशेष तौर पर मां दुर्गा की पूजा पाठ व आराधना की जाती है ,जिसमें सारे स्थानीय गण, महिला, बच्चे सभी पूरे भक्ति भाव से शामिल रहते हैं । इस अवसर पर पूरे दिन पूजा पाठ, भजन कीर्तन व सायं काल को भंडारा आयोजित किया जाता है । विशेष तौर पर यहां यह उल्लेख करना भी समीचीन होगा कि मंदिर स्थापना के समय ही सारे गणमान्य नागरिकों ने एकमत से इस चौक का नाम मां दुर्गा मंदिर के नाम से ही दुर्गा चौक रखा, जो अब इसी नाम से विख्यात है।

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