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तिरछी नजर : साय का कद बढ़ा

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तिरछी नजर : साय का कद बढ़ा

रायपुर। डॉ.रमन सिंह मुख्यमंत्री के प्रथम काल में जिस तरह की परेशानियों से गुजर रहे थे। उसी तरह की परेशानियों से मुख्यमंत्री विष्णुदेव सायभी गुजर रहे हैं। प्रथम कार्यकाल के डेढ़ साल बाद रमन सिंह ने अपनी टीम के साथ प्रशासन व राजनीति का सामंजस्य बनाकर बेहतरप्रशासन दिया। उसी दिशा में अब विष्णुदेव साय भी चलने लगे हैं।विष्णुदेव साय की टीम को राजनीति और प्रशासन के कामकाज के लिए फ्री हेंड दे दिया गया है। हाल में हुई नियुक्तियां में यह दिखारहा है। पार्टी संगठन व केन्द्रीय नेतृत्व की मंशा के अनुरूप कई बड़े फैसले करने की रणनीति भी बन गयी है। प्रदेश की राजनीति कोसाधने संगठन महामंत्री पवन साय महती भूमिका निभा रहे हैं, वे पार्टी कार्यकर्ता और जनभावनाओं का फीडबैक ले रहे है।

पार्टी नेतृत्व ने झारखंड चुनाव में सहयोग करने का जिम्मा भी पवन साय को सौंपा है। झारखंड के भाजपा नेताओं को वनवासी इलाकों में काम करने में आ रही चुनौती को देखते हुए पवन साय झारखंड चुनाव पर नजर रखे हुए हैं। विष्णु देव साय और पवन साय की सक्रियता से कुछ लोगों में नाराज़गी भी हैं।

जीपी सिंह की बहाली पर ब्रेक

आईपीएस के 94 बैच के अफसर जीपी सिंह की नौकरी में वापसी की राह आसान नहीं है। वजह यह है कि केंद्र सरकार ने जीपी सिंहकी बहाली की राज्य की अनुशंसा पर नाराजगी जताई है।

बताते हैं कि केंद्र सरकार के कड़े रुख को देखते हुए राज्य सरकार ने एजी से राय लेकर दोबारा अभिमत भेजा है। कुल मिलाकर केंद्रसरकार जीपी सिंह के खिलाफ अदालती लड़ाई में पीछे नहीं हटेगी। इसके चलते जीपी सिंह की बहाली पर ब्रेक लग गया है।कैट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ एक बार फिर केंद्र सरकार कोर्ट गई हैं। ऐसा यह दूसरी बार हैं। वही, राज्य सरकार की भूमिका इसमें कम हैऔर केंद्र सरकार मामले में अधिक सक्रिय दिख रही है। अब आगामी फ़ैसले का इंतज़ार रहेगा।

आधी रात तक क्या कुछ हुआ…

चर्चा है कि कांग्रेस की न्याय यात्रा के सीएम विष्णु देव साय ने अपने निवास पर आधी रात तक मीटिंग की। मीटिंग में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और डीजीपी अशोक जुनेजा थे।

बताते हैं कि मीटिंग में संवेदनशील मसलों पर विस्तार से चर्चा हुई है। पहले बलौदा बाजार और फिर कवर्धा में कानून व्यवस्था के मसलेपर सरकार घिरी हुई है। पुलिस में बदलाव के साथ ही कुछ ठोस कार्रवाई भी हो सकती है। आने वाले दिनों क्या कुछ होता है, इस पर नजरें टिकी हुई हैं।

राज्योत्सव में बड़ी घोषणा

राज्य स्थापना दिवस समारोह की तैयारी शुरू हो गई है। एक बैठक हो चुकी है। इस बार राज्योत्सव को धूमधाम से मनाने की योजनाहै। पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा केन्द्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के सीएम के आने की उम्मीद है।

इसी बीच बड़ी घोषणा भी हो सकती है। कर्मचारियों की लंबित डीए की घोषणा का इंतजार रहेगा। धान खरीदी की पहली बैठक 30 तारीख को होगी। धान खरीदी में आने वाले वित्तीय संकट से उबरने अफसर कई विकल्प दे रहे हैं।

आईएएस–आईपीएस अफसरों की दिल्ली दौड़

अक्टूबर माह में एक और प्रशासनिक फेरबदल होने की संभावना है। सीनियर आईएएस डॉ रोहित यादव अगले सप्ताह मंत्रालय मेंज्वाइनिंग देंगे।

दिल्ली से आने वाले अफसरों के कारण सितंबर में 5 बार और इससे पहले अगस्त में 4 बार आईएएस अफसरों के फेरबदल हो चुके हैं।डॉ रोहित यादव प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने के बाद छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं।

उम्मीद की जा रही है कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जायेगी। एक तरफ आईएएस अफसरों का दिल्ली से लौटने का सिलसिला चल रहा है, तो दूसरी तरफ तीन आईपीएस अफसरों ने केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने का आवेदन दिया है। तीनों आईपीएस का आवेदन मुख्यमंत्री सचिवालय में विचाराधीन है।

भाजपा विधायकों का फोन नहीं उठा रहे मंत्री

भाजपा के विधायक और कार्यकर्ताओं के बीच मंत्रियों को लेकर नाराजगी की खबर खुलकर आने लगी है। भाजपा के चार विधायकपिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह से मिले और दो मंत्रियों पर विधायकों के फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया है।

विधायकों ने विनम्रता पूर्ण तरीके से डॉ.रमन सिंह से अनुरोध किया कि विधायकों के मान सम्मान का ध्यान रखनें का संदेश उन तकपहुंचाएं। यही नहीं,भाजपा के कुछ नेता सोशल मीडिया में जोरदार तरीके से देव तुल्य कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का प्रमाण दे रहें है।

बड़े प्रशासनिक बदलाव के संकेत !

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में उनके करीबी रहे सर्वेश्वर भुरे को पीएचसी संचालक बनाया गया और गोपाल वर्मा को कबीरधाम जिला कलेक्टर बनाया गया। इसके बाद और भी अधिकारियों की उम्मीद जाग उठी है।

सभी को एक अच्छी पोस्टिंग की उम्मीद है, जिसका इंतजार किया जा रहा है व आने वाले दिनों में बड़े बदलाव के संकेत हैं।

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