सीपत

सुहागिनों ने निर्जला व्रत रहकर मांगी अखंड सुहाग की कामना

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सुहागिनों ने निर्जला व्रत रहकर मांगी अखंड सुहाग की कामना

सीपत /सतीश यादव/ :- हरितालिका तीज का पूजन निर्जला व्रत रहकर सुहागिनों ने अखंड सुहाग के कामना की l एक दिन पूर्व द्वितीया के दिन कुंवारी कन्याओं ने वर प्राप्ति के लिए एवं सुहागिनों ने अखंड सुहाग की कामना करने वाले व्रतियों ने करेले की सब्जी फल ठेठरी खुर्मी खाकर उपवास परंपरा का निर्वहन किया l हरितालिका (तीज व्रत) भाद्र मास शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन रखी जाने वाली यह व्रत है l सुहागिनों के लिए यह सबसे बड़ा व्रत मानी जाती है l इस व्रत उपवास में व्रतियों के द्वारा बिना अन्न जल ग्रहण किया भगवान शिव शंकर को माता पार्वती को शोडशो उपचार से उनकी पूजा विधि विधान के साथ कर अपनी मनोकामना उनके सामने प्रेषित करती हैं l वर चाहने वाली कन्याएं एवं सुहागिनो के द्वारा सोलह श्रृंगार करके पूजा में विविध सामग्री जिसमें चंदन बंदन गुलाल धूप दीप अगरबत्ती कनेर बेलपान धतूरा का फूल पंचामृत भांग भूभूती के साथ विभिन्न प्रकार के रसों से अभिषेक कर विभिन्न पूजन सामग्री के साथ भगवान शिव शंकर एवम माता पार्वती जी की पूजा साथ ही नंदी भृंगी श्रृंगी गणों की पूजा की जाती है l सीपत नगर के विभिन्न प्रमुख जगह में घरों में पंडित राजकुमार मिश्र जी पण्डित भरत लाल मिश्र जी पण्डित आलोक मिश्र जी पण्डित रमेश नारायण पाण्डेय जी पण्डित प्रतिष्ठ मिश्रा जी पंडित चंद्रप्रकाश शर्मा जी पंडित प्रांशु तिवारी जी पंडित प्रकाश तिवारी जी पंडित प्रदीप पांडेय जी पण्डित ओमप्रकाश शुक्ला जी पण्डित राकेश पाण्डेय जी के द्वारा विधि विधान के साथ पूजा कराई गई l

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