रतनपुर

महामाया परिसर में भोजपुरी कार्यक्रम हुआ संपन्न

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महामाया परिसर में भोजपुरी कार्यक्रम हुआ संपन्न

रतनपुर से वासित अली की रिपोर्ट

रतनपुर- छतीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार भोजली जो मित्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार अच्छी बारिश और अच्छी फसल के लिए शगुन का स्वरूप है।इस त्योहार रतनपुर के कई जगहों पर
भोजली प्रतियोगिता का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें मुख्य रूप से सिद्ध शक्ति पीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट रतनपुर के द्वारा भोजली पर्व को बडी धूमधाम से मनाया गया। इसके अलावा रतनपुर के करैहापारा जनप्रतिनिधि और नगर के गणमान्य नागरिकों के द्वारा बोजली प्रतियोगिता का कार्यक्रम रखा गया ताकि परम्परा बनी रहे |
वही इसके अलावा महामाया मंदिर परिसर में मंदिर ट्रस्ट के द्वारा भोजली प्रतियोगिता का कार्यक्रम आयोजित की गई

जिसमे नगर के युवतियों के द्वारा बड़े ही उत्साह से सात दिवस तक भोजली की सेवा के बाद भोजली प्रतियोगिता के साथ विसर्जन का कार्यक्रम महामाया प्रांगण में रखा गया। जिसमें बच्चों की उत्साहवर्धन के लिए इनाम भी रखा गया। जिसमें प्रथम पुरुस्कार 1500,श्रीफल,चुनरी, दूसरा 1100 श्रीफल,चुनरी, और तीसरा 900 श्रीफल,चुनरी, साथ ही सांत्वना पुरस्कार 500 श्रीफल,चुनरी,दिया गया । फिर सिर पर भोजली को रखकर विसर्जन यात्रा निकाली गयी। जिसमें मंडली द्वारा भोजली गीत गाकर मंदार की थाप के साथ महामाया कुंड में इसे विसर्जित किया गया । इस त्योहार की ऐसी मान्यता है। कि सात दिन पहले भोजली की बुआई की जाती है। हर रोज शाम को भोजली गीत का आयोजन रखा गया और देवी की तरह पूजा-अर्चना की की गई इसके बाद राखी के दूसरे दिन मंगलवार को इसे विसर्जित किया गया वही भोजली विसर्जन के मौके पर नगर के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया गया था। जो भोजली प्रतियोगिता के निर्णायक थे उन्हें प्रस्तुति के बाद श्रीफल चुनरी से सम्मानित किया गया

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