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जिस गाड़ी से ईडी ने कैश जप्त किया वह पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के भाई के नाम पर… मुख्यमंत्री की छवि खराब करने रचा गया षड़यंत्र- सुशील आनंद

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि ईडी ने रायपुर में जिस गाड़ी से कैश जप्त किया वह पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के भाई बृजमोहन अग्रवाल के नाम पर है। ईडी ही भाजपा है और भाजपा ही ईडी है। केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ के भाजपा नेतागण तथा ईडी ने मिलकर छत्तीसगढ़ के चुनावों से जनता का ध्यान भटकाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने का षड़यंत्र रचा है।

राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी ने एक काले कलर की इनोवा कार से कैश जप्त किया था जो होटल के बेसमेंट में खड़ी थी। इस ब्लैक कार का नंबर CG 12 AR 6300 है। इसका रजिस्ट्रेशन कोरबा जिले का है। आरटीओ में यह कार सनफ्लावर हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड बृजमोहन अग्रवाल के नाम पर रजिस्टर्ड है। बृजमोहन अग्रवाल बिलासपुर के पूर्व विधायक और भाजपा शासन में मंत्री रहे अमर अग्रवाल के भाई हैं। बृजमोहन अग्रवाल बिलासपुर में बिल्डर हैं। सवाल यह है कि भाजपा नेता के रिश्तेदार बिल्डर की कार से जप्त कैश किसके लिए लाया गया था और इस रकम को कहां और किसे बांटा जाना था? इस पूरे मामले में ईडी ने कार ड्राइवर असीम को आरोपी बना लिया पर कार मालिक से मामले में अभी तक कोई पूछताछ नहीं की है। सवाल यह भी है कि बिना मालिक की जानकारी के इतनी बड़ी रकम ड्राइवर कैसे ला सकता है? आखिर कार मालिक की इस मामले में क्या भूमिका है?  क्रोनोलॉजी को समझना होगा। ईडी ने एक ड्राइवर (कैश कुरियर) को पकड़ा। उसके बयान के आधार पर प्रेस नोट जारी करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऊपर महादेव एप्प से 508 करोड़ रू. लेने का आरोप लगाया। फिर इसी के संदर्भ में ईडी महादेव एप्प के एक कर्मचारी शुभम सोनी के एक सपोर्टिंग मेल का हवाला देकर इस आरोप की पुष्टि करवाई। दूसरे दिन भाजपा कार्यालय से एक वीडियो जारी होता है जिसमें एक शुभम सोनी नाम का व्यक्ति खुद को महादेव एप्प का मालिक घोषित करता है। महादेव एप्प के मालिक सौरभ चंद्राकर एवं रवि उप्पल को कर्मचारी बताता है। सवाल यह है कि शुभम सोनी के इस वीडियो को भाजपा ने क्यों रिलीज किया? भाजपा के पास यह कहां से आया? यदि यह वीडियो शुभम सोनी ने भाजपा को भेजा है तो उसने भाजपा को ही क्यों भेजा? इनके आपस में क्या संबंध हैं? ईडी इसकी जांच करे। अगर ईडी के पास साक्ष्य है तो उसकी पुष्टि करे। बिना कोई जांच पड़ताल के ऐसी चीजों को सार्वजनिक करते हुए किसी की छवि खराब करना अपराध है।

शुक्ला ने कहा कि ईडी ने ड्राइवर असीम दास के बयान की बिना जांच किये मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के उद्देश्य से प्रेस नोट जारी किया। यह सब इसलिये किया गया ताकि चुनाव में बुरी तरह पराजित हो रही भाजपा की मदद की जा सके। ईडी व्दारा जारी प्रेस नोट में लिखा है कि ‘‘अभी जांच होनी है।’’ जब जांच होनी है तो कैसे किसी पर सार्वजनिक रूप से उंगली उठाई जा  सकती है? एक सटोरिया वीडियो बनाकर कुछ भी बोल दे और ईडी तथा भाजपा उसको प्रचारित करें यह इनकी नीयत को दर्शाता है। शुक्ला ने कहा कि ईडी महीनों से ‘महादेव एप्प’ की जांच कर रही है। वह दो दिन पहले तक शुभम सोनी को मैनेजर बता रही थी, जबकि सोनी खुद को मालिक बता रहा है। आखिर सच क्या है?  ईडी के वकील सौरभ पांडे ने एक टीवी चैनल से कहा है कि कूरियर दुबई से सीधे पैसे लेकर आया तो सवाल यह है कि दुबई में भारतीय मुद्रा कैसे हासिल हुई? दूसरा अगर वह दुबई से लेकर आया है तो रास्ते में कहीं जांच कैसे नहीं हुई? छत्तीसगढ़ में इस समय जगह-जगह जांच हो रही है तो फिर वह किस रास्ते से आया और रास्ते में उसे पकड़ा क्यों नहीं गया?

पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता आर.पी. सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेंद्र वर्मा, महेंद्र छाबड़ा, अजय साहू, अजय गंगवानी एवं मणि वैष्णव उपस्थित थे

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