रायपुर वॉच

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू, 10वें दीक्षांत समारोह में हुईं शामिल

Share this

रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर प्रवास पर हैं। वे यहां गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में आयोजित 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचीं हैं। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे पर राष्ट्रपति मुर्मू का भव्य स्वागत किया गया। दीक्षांत समारोह में शोभायात्रा के साथ राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों ने माँ सरस्वती, छत्तीसगढ़ महतारी और गुरु घासीदास के छायाचित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में सत्र 2021-22 की विभिन्न परीक्षाओं स्नातक, स्नातकोत्तर, पत्रोपाधि आदि में उत्तीर्ण 2 हजार 9 सौ 46 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि, आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं, उनके माता-पिता को भी मैं बहुत-बहुत बधाई। विद्यार्थियों की सफलता में योगदान देने के लिए प्राध्यापकों तथा विश्वविद्यालय टीम के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 प्रतिशत विद्यार्थियों में छात्रों की संख्या 45 है, जो लगभग 60% हैं। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या लगभग 47% है। छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन के पीछे उनकी अपनी प्रतिभा लगन के साथ-साथ उनके परिवार जनों के साथ ही विश्वविद्यालय की टीम का योगदान भी है। मैं सभी सफलता के लिए उनको बहुत-बहुत बधाई देती हूं।

उन्होंने कहा कि, हमारे देश की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग आधी है। मुझे बताया गया है कि, इस विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जाते हैं। मैं आशा करती हूं कि, ऐसे कार्यों के अच्छे परिणाम सामने आए। शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में अधिक योगदान होना चाहिए। हमारे देश के कुल आबादी में महिलाओं की आबादी आधी है। विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ समाज सेवा के कार्य भी किए जा रहे हैं, ये अच्छी बात है। विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है, जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। इस विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही है। मैं आशा करती हूं कि, उपयोगी अनुसंधान के माध्यम से अपनी पहचान विश्वविद्यालय दुनिया में स्थापित करें।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *