सुधीर तिवारी
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति निरस्त करने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
वर्षा मिश्रा ने पूर्व ही दे दिया था इस्तीफा
बिलासपुर।महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत जिले के लिए बनाई गई बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति निरस्त करने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने 2 नवंबर 2020 को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानों के तहत चयन समिति की अनुशंसा के अनुसार बिलासपुर में बाल कल्याण समिति में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की थी। असीम मुखर्जी अध्यक्ष बनाए गए थे, जबकि सदस्यों में वर्षा मिश्रा, रीता राजगीर, डॉ. आरती सिंह और हेमंत चंद्राकर की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति के बाद से ही समिति विवादों से घिरी रही। समिति में सदस्यों के बीच विवाद की खबरें आती रहीं। शिकायत पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने जांच करवाई। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 4 जुलाई 2023 को आदेश जारी कर अध्यक्ष असीम मुखर्जी और तीन सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी थी। अध्यक्ष असीम मुखर्जी और सदस्य डॉ. आरती मिश्रा ने अधिवक्ता शशांक ठाकुर और सदस्य रीता राजगीर ने अधिवक्ता विवेक वर्मा के जरिए नियुक्ति निरस्त करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, इसमें कहा गया कि नियुक्ति निरस्त करने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया। इस आधार पर हाई कोर्ट ने नियुक्ति निरस्त करने के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।