अंबिकापुर

वनों में वर्दीधारी ठेकेदार सक्रिय,अंधाधुंध निर्माण कार्य से वनों का अस्तित्व खतरे में*

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*वनों में वर्दीधारी ठेकेदार सक्रिय,अंधाधुंध निर्माण कार्य से वनों का अस्तित्व खतरे में*

अम्बिकापुर(आफताब आलम) एक समय था जब वनों को बचाने व विस्तार करने योजना तैयार की जाती थी,और उस योजना अनुसार वनों को बढ़ाने और उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी उचित उपाय भी करते थे,या यूं कहें कि तब वन विभाग के मैदानी अधिकारी कर्मचारी वर्दी लगा वनों की रक्षा करने समर्पित थे,पर समय बदला तो इनका सिस्टम भी बदल गया अब इस वर्दी का उपयोग वनों की सुरक्षा में कम और ठेकेदारी में ज्यादा देखने को मिल रहा है।वर्दीधारी ठेकेदारों का निर्माण कार्य भी ऐसा कि, सिर्फ वाउचर पास करा रकम निकालने तक के लिये ही सीमित है,बड़े बड़े तालाबों में भी बरसात के बाद दरार नजर आने लगते है।
बात कर रहे है सरगुजा वनवृत्त अंतर्गत एलिफेंट रिजर्व के वन्य अभ्यारण्य तमोर पिंगला की,जहां दो फूल वाले प्रभारी रेन्जर इन दिनों ठेकेदारी के लिए खूब मशहूर हो रहे है। अपने मूल कर्तव्यों से विमुख यह वर्दीधारी ठेकेदार पांच सात जेसीबी मशीन लगा दिन रात निर्माण कार्य कराने में व्यस्त है।तमोर पिंगला वन्य अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों के पीने का पानी उपलब्ध हो सके इसके लिए करोड़ों ख़र्च किया जा रहा है,लेकिन इन अघोषित वर्दीधारी ठेकेदारों के बेतरतीब निर्माण कार्यों से पानी तो दूर वन्य प्राणियों के लिए जहां जान का खतरा बन रहा है वहीं इस प्रकार वन क्षेत्रो में चल रहे अंधाधुंध निर्माण कार्यों से वनों का अस्तित्व भी खतरे में है।वन्य अभ्यारण्य पिंगला में बीते वित्तीय वर्ष में WBM सड़क निर्माण हो रपटा पुलिया हो या डबरी तालाब निर्माण कार्य,सभी कार्यों मे प्रभारी गेम रेन्जर के द्वारा खूब गेम किया गया है, लेकिन शीर्ष अधिकारियों का वरदहस्त है कि इनका कोई कुछ बिगाड़ नही सकता।

जानकारी अनुसार वन्य अभ्यारण्य तमोर पिंगला अंर्तगत वर्तमान वर्दीधारी प्रभारी गेम रेन्जर के द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों में घपले की बू आ रही है जो उच्च अधिकारियों के नाक तक नही पहुँच सकी है,वजह चाहे जो भी हो पर दिन रात मेहनत करके प्रभारी गेम रेन्जर रेन्जर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं।जबरदस्त भ्रष्ट्राचार और अधिकारियों की खामोशी कई सवालात खड़े कर रहे है। जिस भ्रष्ट्र प्रभारी रेन्जर के हाथों वन्य प्राणियों की सुरक्षा कि जिम्मेदारी है वह पूर्ण रुप से ठेकेदारी में मशगूल नजर आ रहे है।वर्तमान में चल रहे करोड़ों के तालाब निर्माण कार्य मे प्रभारी गेम रेन्जर कार्य पूरा करने में जुटे है उन्हें डर सता रहा होगा कि कहीं बारिश ज्यादा न हो जाए,नही तो इनका खेला बिगड़ जाएगा।

*प्रभारी गेम रेन्जर क्या खुद के वाहन से करा रहे कार्य?*

सूत्र बताते है कि पिंगला के प्रभारी गेम रेंजर वर्दी के आड़ में ठेकेदारी कर रहे है, यही नही निर्माण कार्यों में लगे वाहन भी ज्यादातर इन्ही के बताए जाते है और बिल भी इन्ही का होता है।तभी तो कोई इनके कार्यों की जानकारी सूचना के अधिकार से कोई मांग ले तो नियमों और अधिकारी के आदेश को दरकिनार कर जानकारी देने से बचते रहते है,इन्हें पता है कि जानकारी अगर किसी के हाथ लगी तो इनके ठेकेदारी का राज खुल जायेगा।वर्दी के आड़ में ऐसे ठेकेदार दिनदहाड़े शासन के तिजोरी में हाथ साफ कर रहे है और उच्च अधिकारी गांधारी की तरह आँखों मे पट्टी बांधे बैठे हैं।

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