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मितानिन पेटी से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक पर्याप्त दवाई के लिए बेहतर आपूर्ति व्यवस्था जरूरी : टीएस सिंहदेव

रायपुर। मितानिन पेटी से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने बेहतर आपूर्ति व्यवस्था जरूरी है. इसके बिना यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता. यह बात स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीजीएमएससी की ओर से रायपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल एंड इक्वीपमेंट मेनुफेक्चरर्स मीट में कही.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation) के अध्यक्ष एवं निदेशकों के साथ देशभर से आए फॉर्मास्युटिकल कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की. मीट में प्रदेश में दवाईयों एवं कन्ज्युमेबल्स (Consumables) की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों के समाधान पर विस्तृत चर्चा की गई.

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने मीट का शुभारंभ करते हुए कहा कि सीजीएमएससी के द्वारा प्रदेश भर में सही कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाई उपलब्ध कराने के लिए इसकी आपूर्ति की व्यवस्था को लगातार मजबूत किया जा रहा है. सही कीमत पर दवाइयां मिलने से प्रदेश के लिए ज्यादा दवाईयां खरीदी जा सकती हैं.

सीजीएमएससी के अध्यक्ष विधायक डॉ. प्रीतम राम ने मीट को संबोधित करते हुए कहा कि दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति और भंडारण के लिए समुचित व्यवस्था जरूरी है. दूरदराज के अस्पतालों में भी सभी दवाइयां उपलब्ध हो, इसके लिए कार्पोरेशन लगातार आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत कर रहा है.

स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर. ने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सभी लोगों को निःशुल्क दवाई और डायग्नोसिस मुहैया कराना सरकार का लक्ष्य है. सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक अभिजीत सिंह ने मीट में कार्पोरेशन द्वारा दवा खरीदी की प्रक्रिया और इसके विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी.

राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल एंड इक्वीपमेंट मेनुफेक्चरर्स मीट के पहले दिन आज सिपला, एबॉट, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, जिओमेड, भारत सीरम, जॉनसन एंड जॉनसन, नोवार्टिज और बायोकॉन जैसी कई प्रतिष्ठित कंपनियों सहित करीब 90 फॉर्मा व सप्लायर कंपनियों तथा दवा आपूर्ति की निविदा में भाग लेने वाले फर्मों ने हिस्सा लिया.

सीजीएमएससी के द्वारा दवा आपूर्ति के लिए जारी निविदा में कम्पनियों की भागीदारी बढ़ाने, वर्तमान निविदा प्रक्रिया में सप्लायरों को आ रही समस्याओं तथा उनके समाधान, दवाओं के क्षेत्र में उपलब्ध नवीन तकनीकों, भविष्य की कार्ययोजना आदि विषयों पर भी इस दौरान विमर्श किया गया. प्रतिभागी कंपनियों ने निविदा की वर्तमान प्रक्रिया और इसे बेहतर बनाने के लिए अपने फीडबैक और सुझाव दिए.

राष्ट्रीय फॉर्मास्युटिकल एंड इक्वीपमेंट मेनुफेक्चरर्स मीट के दूसरे दिन कल 7 दिसम्बर को मेडिकल उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति से जुड़ी कंपनियां भाग लेंगी. मीट के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर, डीकेएस सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

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