रायपुरः छत्तीसगढ़ की सड़कों पर मवेशियों के होने के कारण आएदिन हादसे का खतरा बना रहता है। सड़कों पर मवेशियों के खुलेआम घूमने या बैठे रहने के कारण ट्रैफिक की समस्या तो आम बात है। गौठानों को प्रोत्साहन देने के बाद भी कई पशुपालक मवेशियों को खुला छोड़ दे रहे हैं। अब इसके लिए सीईओ और सीएमओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
बेमेतरा में सड़कों पर खुले में मवेशी बैठे या घूमते पाये जाने पर संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। ऐसे मामलों में उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बेमेतरा कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने इसके लिए चेतावनी जारी की है।
बेमेतरा के कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने मंगलवार को समय-सीमा की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि सड़कों पर मवेशी बैठे रहने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। हाल ही में पड़ोसी जिले कबीरधाम के एक युवा पशुचिकित्सक की सहसपुर-लोहारा के पास महाराजपुर में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। सड़क पर मवेशी बैठे होने के कारण उनका वाहन अनियंत्रित होकर पुलिया से जा टकराया था।
प्रदेश सरकार सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों का संचालन किया जा रहा है। कलेक्टर ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने पशुओं को खुले में न छोड़कर गौठान में भेजें, जिससे फसलों की सुरक्षा हो सके और सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सके। पशुपालाकों की आय में वृद्धि करने के लिए गोधन न्याय योजना भी संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य पशुधन की खुली चराई पर रोक लगाकर खरीफ और रबी फसलों की सुरक्षा जैविक खाद की उपयोग को बढ़ावा देकर रसायनिक उर्वकों के उपयोग में कमी लाना है।