जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा से पूर्व सांसद उमाकांत यादव को सोमवार को जौनपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 27 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सुनाई है। इस मामले में मुख्य आरोपी उमाकांत समेत 7 दोषियों को भी उम्रकैद की सज़ा सुनाई गयी है। कोर्ट ने इसके साथ ही पूर्व सांसद पर 5 लाख और अन्य को 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि सीबीसीआईडी के वकील ने आरोपियों को अधिकतम सजा मृत्युदंड दिए जाने की मांग की थी।
थाने में की थी अंधाधुंध फायरिंग
दरअसल साल 1995 के फरवरी महीने में जौनपुर के शाहगंज राजकीय रेलवे पुलिस के लॉकअप में बंद राजकुमार यादव नामक शख्स को छुड़ाने के लिए राइफल, पिस्टल से लैस होकर आरोपी उमाकांत यादव अपने सहयोगियों के साथ जीआरपी चौकी आए। यहां उन्होंने लॉकअप में बंद व्यक्ति राजकुमार को जबरदस्ती छुड़ाने का प्रयास किया। जिसके लिए वो थाने के अंदर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। फायरिंग से अजय सिंह और लल्लन सिंह नामक दो सिपाही समेत तीन लोगो को मौत हो गयी थी। जिसके बाद पुलिस ने अदालत में उमाकांत यादव, राजकुमार यादव, धर्मराज यादव, महेंद्र, सूबेदार और बच्चू लाल समेत सात लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
जेल में रहकर जीता था सांसद चुनाव
बसपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले बाहुबली उमाकांत यादव शाहगंज विधानसभा से 3 बार विधायक और मछलीशहर लोकसभा से BSP सांसद रह चुके हैं। उन्होंने जेल में रहकर बीजेपी उम्मीदवार केशरी नाथ त्रिपाठी को 2004 का लोकसभा चुनाव हराया और पहली बार सांसद बने थे।