राजीव कुमार गुप्ता, छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो
कोण्डागांव। जिले की समस्याओं के तत्काल निदान हेतु कार्यवाही की मांग को लेकर सीपीआई जिला कोण्डागांव द्वारा 2 अगस्त को एक दिवसीय धरना देकर एवं जिला कार्यालय तक रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा गया। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी जिला परिषद् कोण्डागांव के द्वारा महामहीम राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री छ.ग.षासन को सम्बोधित एक ज्ञापन जिसमें पांच महत्वपूर्ण मांग षामिल थे, को कलेक्टर जिला कार्यालय कोण्डागांव के माध्यम से षासन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। ज्ञापन में पांच मांगों का उल्लेख करते हुए लेख किया गया है कि कोण्डागांव जिले में समस्याओं का अम्बार है, जिस वजह से जिले के नागरिकों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में कोण्डागांव जिले की समस्याओं को लेकर भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी षासन-प्रषासन का ध्यान आकर्शित करते हुए आग्रह करती है कि कोण्डागांव जिले की समस्याओं का निराकरण करने हेतु आवश्यक कदम उठाया जाए, ताकि जिले के नागरिकों को लाभ मिल सके। मांगों में कोण्डागांव जिले के सभी जाति वर्ग के लोगों को जो वन भूमि पर वर्ष 2005 के पूर्व से काबिज काश्त हैं, उन्हें वरियता के आधार पर अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2008 के प्रावधानों के तहत वनाधिकार प्रपत्र तत्काल प्रदान किया जाय तथा 2005 के पूर्व से वन भूमि पर काबिज होकर कृषि कार्य कर रहे पात्र किसानों जिन्हें वनाधिकार प्रपत्र प्राप्त नहीं हो पाया है और उनके काबिज भूमि पर वन विभाग द्वारा पौधारोपण किया जा रहा है, उस पर तत्काल रोक लगायी जाए। कलेक्टर व अन्य अधिकारियों के समक्ष आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों पर कार्यवाही सुनिश्चित कर आवेदकों को उसकी जानकारी आवश्यक रूप से प्रदाय किया जाए। राजस्व जिला कोण्डागांव के ग्राम आदपाल, बागझार, बैलपाड़, छोटे फरसगांव, टेमरुगांव, चलका, चैड़ंग, चिंगनार, रांधना, पाला, बन चपई, कहलाकोट, चिमड़ी, कोकोड़ी, चेंरंग, मैनपुर, मोडेगा, मालाकोट, सदाड़ी, अलवाड़, जुगाली, चिमानार, मुण्डपाल, बुगाली, फुटान चांदागांव, कडेनार, बेचा समेत अनेक गांवों को जो राजस्व जिला कोण्डागांव के अन्तर्गत आते हैं, उन्हें पुलिस जिला नारायणपुर के अन्तर्गत रखा गया है जिससे उपरोक्त गांव को दोहरी प्रशासनिक कार्यवाहियों व आपसी खिंचतान का सामना करना पड़ रहा है, जिस वजह से उपरोक्त गांवों का विकास अवरुद्ध हो गया है। प्रशासनिक त्रुटि में तत्काल सुधार किया जाए। कांग्रेस पार्टी, अपने चुनावी घोशणा पत्र में किए गए घोशणा अनुसार शिक्षित बेरोजगारों को तत्काल बेरोजगारी भत्ता प्रदाए करे। बस्तर संभाग की मुल जातियों जैसे मरार (पनारा), महारा, स्थानीय धाकड़, राऊत, कलार, सुण्डी, कुम्हार, केंवट, घड़वा (घसिया), गाण्डा, पनका, लुहार, बंजारा, धोबी, नाई आदि बस्तर की मूल जातियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया जाए। उक्त धरना प्रदर्षन सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव के जिला सचिव एवं राज्य परिशद् सदस्य तिलक पाण्ड़े के दिषा निर्देष पर एवं राज्य परिशद् सदस्य षैलेष षुक्ला के नेतृत्व व मार्गदर्षन में बिसम्बर मरकाम, बिरज नाग, जय प्रकाष नेताम, दिनेष मरकाम, मुकेष मण्डावी, नंदू नेताम, राम कुमार नेताम, फगनू नेताम, सुखचंद बघेल, फगनू, गुदराम मरकाम, आदि सदस्यों के सहयोग से सम्पन्न हुआ।