रायपुर: भारत समेत दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में फैल चुके मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज रायपुर में मिलने से हड़कंप मच गया है। कांकेर का रहने वाला 13 साल का बच्चा रायपुर के जैतू साव मंदिर में संचालित संस्कृत शाला में पढ़ता है। हफ्तेभर पहले वह नौवीं की पढ़ाई के लिए घर से वापस मठ में आया था। उसके हाथ और शरीर के अन्य हिस्से में फोड़े जैसे फफोले दिखने के बाद शिक्षकों और साथी छात्रों को संदेह हुआ। दो दिन से बच्चे को बुखार भी आ रहा था।
सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मठ में पहुंची। उसने बच्चे की हथेली और शरीर के अन्य हिस्सों में उभरे फफोले जैसे फोड़ों से मवाद का सैंपल लिया है। इसे जांच के लिए पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने तक इस बच्चे को अन्य सहपाठियों के साथ एकांतवास में भेज दिया गया है। मठ को भी हफ्तेभर के लिए सील कर दिया गया है।
इधर मठ के मैनेजर महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि शुरुआत में हम खुजली समझकर दवाई दे रहे थे, लेकिन जब यह बढ़ने लगा तब स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई। मंगलवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग के अमले ने पीड़ित बच्चे का सैंपल लेने के बाद हॉस्टल के अन्य 19 बच्चों के भी सैंपल लिए। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बतौर एहतियात मंदिर के साथ ही स्कूल को सैंपल की रिपोर्ट आने तक बंद रखने के निर्देश दिया है। इसके साथ ही पाठशाला के हॉस्टल में रहने वाले अन्य बच्चों को क्वारंटाइन कर उन पर नजर रखने को कहा गया है।
वहीं कांकेर से सप्ताहभर पहले रायपुर लौटे इस 13 वर्षीय बच्चे की ट्रैवल हिस्ट्री खंगालने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से कांकेर सीएमएचओ को सूचना भेजी गई है। बताया गया है कि ट्रैवल हिस्ट्री आने के बाद वस्तुस्थिति स्पष्ट हो जाएगी।