रायपुर: छत्तीसगढ़ में शुक्रवार देर रात से शुरू हुई बरसात अब भी जारी है। रायपुर में बरसात की झड़ी टूटी ही नहीं। प्रदेश के अधिकांश जिलों में जमकर पानी बरसा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी से अति भारी बरसात की चेतावनी भी जारी की है। यह बरसात 18 से अधिक जिलों को प्रभावित कर सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को जरूरी व्यवस्था कर लेने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग की शनिवार दोपहर जारी आरेंट अलर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटे में राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, नारायणपुर और बीजापुर जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी बरसात की संभावना है। इन स्थानों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। विभाग ने 13 जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है। इसके मुताबिक कबीरधाम, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, धमतरी, गरियाबंद, कोण्डागांव, बस्तर, दंतवाड़ा और सुकमा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बरसात और वज्रपात की संभावना है। मौसम विभाग ने प्रशासन से इन जिलों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
![प्रदेश के कई नदी-नाले उफान पर हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/07/23/barsaat-02_1658564975.jpg)
प्रदेश के कई नदी-नाले उफान पर हैं।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, चक्रीय चक्रवाती घेरा अन्दरूनी ओडिशा के ऊपर और ज्यादा प्रबल हो गया है। इसके कारण प्रदेश में सरगुजा संभाग को छोडकर शेष संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और एक दो स्थानों पर अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और नगरीय निकायों को सतर्क रहने के दिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन संबंधी सभी उपाय सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा मोचन बल सहित प्रभावित जिलों के जिला पुलिस बल, होमगार्ड, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विद्युत विभाग, लोक निर्माण, खाद्य विभाग, नगरीय निकायों आदि के अधिकारियों को भी सचेत एवं सतर्क रहने को कहा है।
![बिलासपुर में रात में फुहारों के बाद दोपहर बाद भारी बरसात शुरू हुई है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/07/23/_1658563722.jpg)
बिलासपुर में रात में फुहारों के बाद दोपहर बाद भारी बरसात शुरू हुई है।
अभी बीजापुर में भारी बरसात
शुक्रवार रात से शनिवार सुबह 8.30 बजे तक बीजापुर में सबसे भारी बरसात रिकॉर्ड हुई है। वहां एक दिन के सामान्य औसत से 484% अधिक पानी बरस चुका। बीजापुर में 144.4 मिमी बरसात दर्ज हुई है। वहीं भैरमगढ़ में यह 96 मिमी है। वहीं के भोपालपट्टनम में 61.3 मिमी और उसूर में 32.4 मिमी पानी बरस चुका है। जिले में बरसात अब भी जारी है।
यहां भी भारी बरसात रिकॉर्ड हुई है
मौसम विभाग के मुताबिक 23 जुलाई को धमतरी के नगरी में 91.7 मिमी और कोरबा के करतला में 94.6 मिमी बरसात दर्ज हुई है। वहीं बस्तर में 167 मिमी, लोहांडीगुड़ा में 84.2 मिमी, तोकापाल में 76.4 मिमी, बकावंड में 73 मिमी बरसात हुई है। दंतेवाड़ा में 116.5, बड़े बचेली में 132.2 मिमी और गीदम में 114.6 मिमी पानी बरस चुका है।
![बारिश के चलते रास्तों में इस तरह से कोहरे छाए हुए हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/07/23/barsaat-05_1658565001.jpg)
बारिश के चलते रास्तों में इस तरह से कोहरे छाए हुए हैं।
रायपुर में बरसात से नदी-नाले उफनाए
रायपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात जारी है। शहरों में कई इलाकों में जलभराव जैसी स्थिति बन रही है। खारुन नदी और उसके सहायक नालों में बाढ़ जैसी स्थिति है। चिंगरी नाले का पानी पुलिया के ऊपर से बह रहा है। रायपुर जिले में सबसे अधिक 27.4 मिमी बरसात माना में रिकॉर्ड हुआ है। अभनपुर में 17.3 मिमी, आरंग में 13.7 मिमी, रायपुर शहर में 8.5 मिमी और तिल्दा में 8.3 मिमी बरसात हो चुकी है। मौसम विज्ञान केंद्र में 6.9 मिमी और कृषि विश्वविद्यालय के पास लाभांडी में 6.4 मिमी बरसात है।
आपदा प्रबंधन दलों को तैनात करने को कहा गया
मुख्यमंत्री ने निचले और संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन दल को मुस्तैद रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावितों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि नदी-नालों के जल स्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। इसकी जानकारी नियमित रूप से कंट्रोल रूम में दी जाए। जहां भी जलभराव और बाढ़ की स्थिति निर्मित हो सकती है वहां पूर्व से ही सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजदीक के भवनों में अस्थाई राहत शिविर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।