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सरकारी अस्पताल में अवैध वसूली का खेल.. मुफ्त में लगने वाले लेंस के नाम पर मरीज से लिए पैसे

छत्तीसगढ़: बिलासपुर के जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लेंस लगाने के नाम पर मरीजों से अवैध उगाही करने का मामला सामने आया है। मरीजों की आंख में लेंस लगाने के लिए नेत्र सहायक ने रुपए वसूल लिया। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा भी सकते में आ गया है। राज्य नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा जांच के लिए पहुंचे और RMO से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि अभी जांच चल रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, जिला अस्पताल के साथ ही सरकार हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान मरीजों को जरूरत के हिसाब से मुफ्त में लेंस भी लगाया जाता है। लेकिन, यहां नेत्र सहायक ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को सरकारी लेंस खराब होने और फीट नहीं बैठने की बात कह कर लेंस खरीदकर लगाने के बहाने 5 हजार रुपए की वसूली कर ली। यह मामला तब सामने आया, जब तोरवा क्षेत्र के बूटापारा निवासी राजकुमार मरावी (28 साल) की आंख में दिक्कतें हुई और वह जांच के बाद जिला अस्पताल में ऑपरेशन कराने पहुंचा। इस दौरान नेत्र सहायक दीपिका रजन ने उससे लेंस लगाने के लिए पांच हजार रुपए वसूल लिया।

जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लेंस लगाने रुपयों की वसूली की गई है।

जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लेंस लगाने रुपयों की वसूली की गई है।

सिविल सर्जन बोले- जांच चल रही है
सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता का कहना है कि सरकारी लेंस बेहतर होता है। मरीज से लेंस के नाम पर रुपए वसूली की जानकारी मिली है। मामला सामने आने के बाद RMO सहित अन्य स्टाफ से पूछताछ कर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जांच के लिए रायपुर से पहुंचे नोडल अधिकारी
जिला अस्पताल में लेंस लगाने के नाम पर रुपए वसूली की जानकारी रायपुर तक पहुंच गई है। लिहाजा, शुक्रवार को रायपुर से राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा जिला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मोतियाबिद का ऑपरेशन करने वाले डॉ. मनोज सिह, RMO डॉ.बुधेश्वर का बयान दर्ज किया है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि अभी जांच चल रही है। केस में मरीजों के साथ ही स्टाफ का भी बयान लिया जाएगा। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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