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छत पर तिरपाल डालकर पढ़ने को मजबूर हुए बच्चे…15 साल में जर्जर पड़ी है स्कूल बिल्डिंग

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कांकेर/पखांजूर. शिक्षा व्यवस्था की पोल पांच दिनों की बारिश ने खोलकर रख दी। लाखों रुपए की लागत से बने स्कूल भवनों पर कहीं पॉलीथिन लगाना पड़ गया तो किसी शाला की क्लास रंगमंच या अतिरिक्त कक्ष में चलानी पड़ रही है। ईंट, गिट्टी और सीमेंट से 50 साल के लिए बने स्कूल भवन 15 साल में कंडम हो रहे हैं। मात्र 15 साल में खराब हो रहे स्कूल भवन इस बात को प्रमाणित कर रहे कि कमीशन खोरी के खेल में निर्माण एजेंसियों ने घटिया भवन तैयार किया है। छत से पानी और प्लास्टर ऊपर गिर रहे हैं।

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के कलर कुटनी माध्यमिक शाला भवन का निर्माण कार्य वर्ष-2006 में कराया गया था। यानी भाजपा सरकार के समय इस शाला को बनाया गया। इस स्कूल में एक शिक्षक 42 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभा रहा है। बारिश के इस मौसम में स्कूल भवन की छत से पानी टपक रहा है। छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है। मात्र 15 साल में लाखों रुपए की लागत से बना यह स्कूल भवन कंडम हो गया है। पालकों की सहयोग से शिक्षक ने स्कूल भवन की छत पालीथिन से ठक दिया है। ताकि बारिश का पानी नीचे न आए।

बारिश के पानी से छत गिला होगा तो प्लास्टर टूट कर बच्चों के सिर पर गिरेगा। बच्चे घायल हो सकते हैं। प्लास्टर का टुकड़ा बड़ा किया तो जान भी जा सकती है। इस तरह की व्यवस्था कर स्कूल का संचालन किया जा रहा है, लेकिन पालीथिन से भी पूरा लाभ नहीं है। पालकों ने कहा, जब स्कूल भवन बन रहा था तक मानक के आधार पर काम नहीं होने की मौखिक शिकायत उन्होंने आलाधिकारियों से की थी। पालकों कीबातों को तब अनसुना कर दिया गया। ठेके में स्कूल भवन का निर्माण कराया गया। वैसे तो सीमेंट, ईंट और गिट्टी से बने स्कूल भवनों
को शासन 50 साल का लक्ष्य मानकर निर्माण कराता है।

वहीं कलर कुटनी माध्यमिक शाला भवन मात्र 15 साल में खराब हो गया। छत से सरिया दिख रही है। दो साल से स्कूल भवन मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग से बजट की मांग शिक्षक कर रहा है। न तो एक रुपए मरम्मत के लिए शासन से मिला और न ही आलाधिकारी ध्यान दे रहे हैं। पालकों ने बताया कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षक से मिलकर बारिश का मौसम आते देख छत पर झिल्ली की व्यवस्था कर दिया गया है। बावजूद कक्ष में पानी भर जाता है। जान जोखिम में डाल स्कूल में क्लास लग रही है। लगातार भारी बारिश से स्कूल में पठन पाठन में परेशानी हो रही है। कोयलीबेड़ा ब्लॉक के कलर कुटनी माध्यमिक शाला भवन में बारिश का पानी भरने से परेशानी
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के कलर कुटनी माध्यमिक शाला का भवन खराब होने के कारण बारिश के दिनों में पानी भर जाता है। पढ़ाई शुरू होने से पहले बच्चों को पानी निकालना पड़ता है। उसके बाद क्लास लगती है। पालकों ने कहा कि वह खुद वैकल्पिक व्यवस्था कर स्कूल भवन की छत पर पालीथिन लगाए हैं।

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