नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री दावा करते रहते हैं कि उन्होंने 10 लाख युवाओं को नौकरी दी है, लेकिन अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के पत्रकार ने केजरीवाल और उनके मंत्रियों के इस दावे की पोल खोलकर रख दी है। पत्रकार निखिल एम. बाबू की खबर के मुताबिक दिल्ली सरकार का खुद का आंकड़ा है कि सिर्फ 12588 लोगों को नौकरी दी गई। ये नौकरियां निजी क्षेत्र में दिल्ली सरकार के रोजगार बाजार पोर्टल के जरिए दी गई। इस साल मई तक का ये आंकड़ा है। नौकरी पाने वाले लोगों की संख्या कितनी सटीक है, ये भी पता नहीं है, क्योंकि लोगों को फोन कॉल करने के बाद सरकारी पोर्टल में नौकरी पाने वालों के नाम का दावा सरकार ने किया है।
द हिंदू की खबर के मुताबिक करीब दो साल से केजरीवाल और उनके मंत्री 10 लाख नौकरियां देने का दावा कर रहे हैं। केजरीवाल ने इस साल मार्च में अंग्रेजी पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि दिल्ली सरकार के पोर्टल पर 10 लाख नौकरियां दिए जाने का आंकड़ा है। आप उस पोर्टल के जरिए चेक कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी AAP के तमाम नेताओं ने विभिन्न समय चुनाव रैली और प्रेस कॉन्फ्रेंस के अलावा दिल्ली विधानसभा में भी 10 लाख नौकरियां देने का दावा किया। जबकि, विधानसभा में सही आंकड़ा न देने पर सरकार गंभीर मुश्किल में फंसती है और उसके खिलाफ विपक्ष की तरफ से प्रस्ताव तक लाया जा सकता है।
बता दें कि इस साल हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल ने दिल्ली में 10 लाख नौकरियां देने का दावा किया था। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में जाकर भी उन्होंने इस तरह का दावा किया था। इसके अलावा आप के तमाम नेता भी इस मामले में अपनी पीठ ठोकने से पीछे नहीं हटते, लेकिन अब मीडिया ने ही उनकी पोल खोल दी है।