महेंद्र सिंह ठाकुर
नवापारा राजिम/ रायपुर…. पिता जीवन है- संबल है -शक्ति है_ पिता सृष्टि के निर्माता की अभिव्यक्ति है.. उक्त पंक्ति चौथी पीढ़ी के पूरे छत्तीसगढ़ में लिटिल योगा चैंपियन पर्यावरण मित्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी मास्टर आदित्य राजेश सिंह ने छत्तीसगढ़ वाच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर से फादर्स डे के अवसर पर बातचीत के दौरान कही रायपुर के सबसे पाश कॉलोनी सैफायर ग्रीन निवासी मल्टीनेशनल कंपनी के स्टेट हेड अखिलेश सिंह के छोटे बेटे है मास्टर आदित्य राजे यह शायद पूरे देश में कुछ गिने-चुने परिवार में से हैं जिसमें इनके परदादा बनारस यूपी निवासी अवध नारायण सिंह एक जाना पहचाना नाम है इस पिता के बेटे कमलापति सिंह टाटा ग्रुप के जमशेदपुर कारखाने में अच्छे ओहदे से रिटायर हुए और वहीं सेटल हुए दूसरी पीढ़ी के बाद तीसरी पीढ़ी में हुए अखिलेश सिंह जिन्होंने पुणे से टॉपर रहते हुए एमबीए की डिग्री हासिल की पीढ़ी दर पीढ़ी पिता की छत्रछाया प्रोग्रेसिव रही उसी का परिणाम अखिलेश जी एक ऊंचे मुकाम पर हैं चौथी पीढ़ी मैं आदित्य राजे हैं इनको परदादा से लेकर पिता की ऐसी सीख मिली आज पूरे छत्तीसगढ़ में मास्टर आदित्य राज जाने जाते हैं कई पुरस्कारों से जिसमें प्रख्यात समाजिक संस्थाओं से लेकर राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके तक ने पुरस्कृत किया है निश्चित तौर पर आगे चलकर पिता की छत्रछाया में धूमकेतु बनकर छा जाएंगे।
जनसेवा मुख्य उद्देश्य 2 पीढ़ी से एक्सपर्ट डॉक्टर रहते हुए डॉक्टर दंपत्ति अपने मिशन में लगे हैं…. धमतरी कांकेर गरियाबंद और रायपुर जिला और पूरा अंचल स्वर्गीय डॉक्टर आर एस ठाकुर और ओजस्वी नर्सिंग होम रुद्री रोड धमतरी को अच्छी तरह से जानता है दुर्भाग्यवश 2 वर्ष पूर्व डॉ आर एस ठाकुर कोरोना की वजह से अचानक गोलोक वासी हो गए पूरा अंचल गमगीन हो उठा लेकिन इनके सुपुत्र डॉक्टर राहुल ठाकुर एमएस अपनी पिता की सीख और धर्म परायण माता श्रीमती रंजना ठाकुर की इच्छा अनुसार जन सेवा को लगातार अपना मुख्य उद्देश्य बनाते हुए चालू रखा और इसमें इनकी धर्मपत्नी डॉक्टर रागिनी सिंह ठाकुर स्त्री रोग विशेषज्ञ ने पूरा सहयोग दे रखा है इनका अस्पताल -अस्पताल नहीं सेवा का मंदिर है डॉ राहुल पिता के कर्तव्य पथ पर चल रहे हैं और इनके बारे में यही कहा जा सकता है.. पिता- बच्चों का अनंत अरमान है.. और काबिल बेटा एवं बेटी पिता की ख्वाहिश का नीलाभ आसमान है।।
जमीन से आसमान की कहानी… रायपुर और पूरे छत्तीसगढ़ में जाना पहचाना नाम और समाजसेवी रविंद्र सिंह एवं इनके काबिल बेटे दीपक सिंह, रविंद्र सिंह ने बुलंदी को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया और जमीन से आसमान की ऊंचाइयों को छू लिया तथा एक जिम्मेदार पिता होने के नाते इकलौते बेटे दीपक सिंह को भी समाज सेवा नैतिकता तथा कठोर परिश्रम का पाठ पढ़ाया इसमें इनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम सिंह ने पूरा सहयोग किया पिता के अरमानों को पूरा करते हुए दीपक सिंह एक उद्यमी के रूप में उभरे और उद्योग जगत में अपनी पहचान बनाई दीपक इंडस्ट्रीज के रूप में जिनके बारे में कहा जा सकता है.. पिता की दी हर अच्छी सीख और शिक्षा… काबिल बेटा कर लेता पूरी अपनी और पिता के प्रत्येक अरमान और इच्छा।।
अत्यंत पिछड़े और सुविधा विहीन क्षेत्र से पिता के अरमानों से निकलती प्रतिभाएं… छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर उड़ीसा बॉर्डर से लगे गरियाबंद जिला के देवभोग झारखंड पारा से लगा कोदोभाठा गांव यहां के एक सामान्य कृषक गुलाब सिंह यदु इनके तीन बेटियां और एक बेटा इन्होंने शुरू से निश्चय कर लिया अपने पुत्र और पुत्रियों को अभावग्रस्त सुविधा विहीन क्षेत्र से निकालकर एक ऊंचाई पर पहुंचाना है। इसमें बखूबी साथ दिया उनकी धर्मपत्नी श्रीमती तपस्विनी यदु ने सबसे बड़ी बेटी नमिता यदु कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग में देवभोग क्षेत्र में पदस्थ हैं और अल्प समय में अपने सेवा भाव और मेहनत से एक नया मुकाम हासिल कर लिया है खासकर मलेरिया डेंगू कोविड-19 तथा कुपोषण एनीमिया के खिलाफ जंग छेड़ दिया है मृदुभाषी 24 घंटा मरीजों को सेवा देने के लिए तत्पर रहती हैं इसमें इनके पतिदेव घनश्याम लहजल उड़ीसा का भी पूरा सहयोग रहता है। इनके पिता ने बच्चों को कैरियर बनाने के लिए पूरी आजादी दे रखी है उसी का परिणाम है नमिता की छोटी बहन सविता यदु गांव में ही पढ़ाई करते हुए किराना का अच्छा खासा व्यवसाय भी कर रही हैं वही उनकी छोटी बहन डॉक्टर बनने नीट एग्जाम क्रैक करने के लिए कोटा राजस्थान के प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट मैं युद्ध स्तर पर लगी हुई हैं इनका छोटा भाई चितरंजन यदु भिलाई में कॉम्पिटेटिव एग्जाम और हायर एजुकेशन मैं नया मुकाम बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं इस बारे में जब नमिता से छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर ने पूछा तो नमिता ने दो पंक्तियों के माध्यम से बहुत सुंदर जवाब दिया… हम पानी से नहाते हैं.. वे पसीने से नहाते हैं… देख हमारे चेहरे की मुस्कान वे अपना हर दर्द भूल जाते हैं… यही वह हस्ती हैं जो पिता कहलाते हैं।।।
पौराणिक काल से आज तक पिता या पितृ का महत्व हर जगह विशेष स्थान रखते आ रहा है फादर्स डे आधुनिक युग की देन है इसके पहले से भारतीय सभ्यता संस्कृति में पिता की कर्तव्य निष्ठा और पुत्र पुत्रियों का पिता के साथ परिवार के प्रति समर्पण के भाव विभोर कर देने वाले एक नहीं सैकड़ों दास्तान देखने को मिलेंगे।
फोटो नंबर. 1.. मास्टर आदित्य राजे अपने परिवार के चौथी पीढ़ी के सदस्यों के साथ।
फोटो नंबर2.. डॉ राहुल ठाकुर डॉक्टर रागिनी सिंह ठाकुर स्वर्गीय डॉक्टर आर एस ठाकुर एवं उनकी धर्मपत्नी रंजना ठाकुर।
फोटो नंबर 3 रविंद्र सिंह होनहार बेटे दीपक सिंह एवं पूनम सिंह।
फोटो नंबर 4 नमिता यदु अपने परिजनों के साथ देवभोग क्षेत्रव
वर्ल्ड फादर्स डे आज…चौथी पीढ़ी के जूनियर एक्सपर्ट से लेकर वर्तमान पीढ़ी के समस्त बेटे बेटियों ने अपनी सफलता का पिता को पहनाया ताज
