सिंगरौली।। आदर्श आचार संहिता के बाद राजनीतिक पार्टियों के पर्यवेक्षक एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सहित जिले के कार्यकर्ताओं नेताओं में महापौर टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है पार्टियों के उच्च नेतृत्व कर्ताओं के सामने सहित जिले के नेतृत्व कर्ताओं के सामने महापौर के दावेदारी को लेकर पार्टी पदाधिकारी अपना अपना दावेदारी पेश कर हैं वही चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी में महापौर प्रत्याशी बनने के लिए दावेदारों की संख्या की लिस्ट थोड़ा लंबी है अनारक्षित होने की वजह से सामान्य वर्ग में टिकट देने की चर्चा जोरों पर है वहीं अगर सूत्रों की माने तो दावेदारों को लेकर चर्चा पहले नंबर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश द्विवेदी, ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ एवं प्रभाव शील सिंगरौली के निवासी इंद्रेश पांडेय, भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रज्जु तिवारी, स्वयंसेवक संघ एवं विद्यार्थी परिषद के जमीनी स्तर से कार्य करने वाले विनोद दुबे, एवं भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, वीरेंद्र मिश्रा, युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष युवाओं में अच्छी पकड़ विनोद चौबे, संजीव अग्रवाल, अरविंद दुबे, आदि कई सक्रिय कार्यकर्ता चर्चा के मुताबिक अपनी दावेदारी कर सकते हैं।
वही कांग्रेस में भी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं में महापौर प्रत्याशी बनने को लेकर घमासान मचा हुआ है चर्चा यह है कि अगर बीजेपी सामान्य वर्ग में टिकट देती है तो कांग्रेश ओबीसी में टिकट दे सकती है पूर्व महापौर ओबीसी समाज से रेनू शाह, या राम लल्लू साहू को टिकट दिया जा सकता है वही दावेदारों के लिस्ट में सामान्य वर्ग से चर्चाओं में एवं स्थानीय मुद्दों पर आवाज उठाने वाले भास्कर मिश्रा, भी अपनी दावेदारी पर कर सकते हैं वहीं कांग्रेसी नेता अमित द्विवेदी, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, कांग्रेस के युवा नेता प्रवीण सिंह चौहान, जिला शहर अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
शहर में अन्य पार्टियां भी सक्रिय हैं जो अपने अपने प्रत्याशी को लेकर चर्चा विमर्श एवं तैयारियां कर रही है मैदान में आम आदमी पार्टी व शिवसेना जोर शोर से अपने प्रत्याशियों को उतारकर चुनाव में जिताने को लेकर प्रयास करेंगे।।
जिले में और भी राजनीतिक पार्टियों सहित निर्दलीय प्रत्याशी महापौर चुनाव के क्षेत्र में मैदान में होंगे जिसको लेकर बीजेपी एवं कांग्रेस सहित शिवसेना एवं आम आदमी पार्टी में अपने प्रत्याशियों को लेकर सर्वे सहित उनके पार्टी में कार्य एवं क्षेत्र में पकड़ को लेकर भी चर्चा चल रही है की कौन से प्रत्याशी को महापौर का टिकट दिया जाए और चुनाव जीता जा सके क्योंकि अनारक्षित सीट होने पर अगर सामान्य वर्ग को टिकट नहीं मिला तो सामान्य वर्ग में नाराजगी एवं आक्रोश भी देखने को मिल सकता है इसलिए पार्टियां अपने प्रत्याशी पर मुहर लगाने से पहले हर तरह की जांच परख करने के बाद ही मुहर लगाएंगी।
अभी तक किसी भी पार्टी का प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है यह खबर क्षेत्र में चर्चा अनुसार एवं कार्यकर्ता सहित सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पर लिखी गई है।