नई दिल्ली: स्मार्टफोन में कई ब्रांड्स के प्रोसेसर इस्तेमाल होते हैं. Qualcomm, MediaTek के अलावा आप हाल में Unisoc का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हुआ है. जहां प्रीमियम एंड्रॉयड स्मार्टफोन में Qualcomm प्रोसेसर दिया जा रहा है. वहीं अपर मिड रेंज और दूसरे सेगमेंट में मीडियाटेक प्रोसेसर मिलता है. चूंकि कंपनियों को एंट्री लेवल डिवाइसेस की कीमत कम रखनी है, इसलिए ब्रांड्स ने Unisoc प्रोसेसर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. यह प्रोसेसर 10 हजार रुपये से कम या आसपास के बजट में देखने को मिलता है.
हाल में आई एक रिपोर्ट की मानें तो जिन स्मार्टफोन में Unisoc प्रोसेसर इस्तेमाल हुआ है, वह सुरक्षित नहीं है. इस चिपसेट में एक बड़ी खामी है, जिसकी वजह से फोन को हैक किया जा सकता है. लेटेस्ट रिपोर्ट Check Point रिसर्च की है, जिसकी मानें तो Unisoc 4G और 5G चिपसेट में एक बड़ा सिक्योरिटी फ्लॉ है. इसे CVE-2022-20210 नाम दिया गया है. रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने इस खामी को Non-Access Stratum (NAS) मैसेज हैंडलर को स्कैन करते हुए डिस्कवर किया है. इस वूलनेरेबिलिटी का इस्तेमाल कर हैकर्स फोन की सेल्यूलर कम्यूनिकेशन क्षमता कौ न्यूट्रल या पूरी तरह के बंद कर सकते हैं.
Check Point रिसर्च के रिवर्स इंजीनियरिंग और सिक्योरिटी रिसर्च अटॉर्नी, Salva Makkaveev ने बताया, ‘एक हैकर रेडियो स्टेशन का इस्तेमाल कर वायरस भेज सकता है,जो मॉडल को रिसेट कर सकता है और यूजर्स के कम्यूनिकेशन को पूरी तरह से ब्लॉक कर सकता है.’ नई वूलनेरेबिलिटी को Unisoc T700 प्रोसेसर में पाया गया है, जो Motorola G20 में लगा है. इस चिपसेट के लिए जनवरी 2022 का एंड्रॉयड सिक्योरिटी पैच जारी किया गया है. रिसर्चर्स की मानें तो नई दिक्कत को मई में खोजा गया है और यह अभी भी Unisoc चिसपेट में मौजूद है.
इसकी वजह से जिन फोन में Unisoc का यह प्रोसेसर लगा है, उन्हें हैकर्स निशाना बना सकते हैं. रिसर्च फर्म के मुताबिक, उन्होंने कंपनी की इस वूलनेरेबिलिटी की जानकारी दे दी है. कंपनी ने कहा है कि उन्होंने इसके लिए एक पैच जारी कर दिया है, लेकिन इसे यूजर्स तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा. जिन भी यूजर्स के फोन में यह प्रोसेसर दिया गया है, उन्हें जल्द से जल्द लेटेस्ट सिक्योरिटी पैच अपडेट को इंस्टॉल कर लेना चाहिए