रायपुर। राज्यसभा में कांग्रेस को अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। हरियाणा में सबसे ज्यादा करीबी मुकाबला है,लिहाजा कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने में जुट गयी है। इधर खबर है कि हरियाणा कांग्रेस के 28 विधायक रायपुर लाये जा रहे हैं। रायपुर के होटल मेफेयर, चित्रकोट सहित कुछ रिसार्ट कांग्रेस ने बुक कराये हैं, जहां इन विधायकों को ठहराया जायेगा।
कुछ देर बाद हरियाणा से कांग्रेस का एक जत्था रायपुर पहुंच जायेगा। इधर कांग्रेस के विधायकों के छत्तीसगढ़ लाये जाने के मद्देनजर रायपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में एक सीट के लिए 31 विधायकों की जरुरत है, कांग्रेस के पास ठीक इतने ही याने 31 विधायक हैं।लेकिन कांग्रेस को डर पिछली बार वाली घटना की पुनरावृत्ति का है।इसलिए विधायकों को दिल्ली होते हुए छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है।
इससे पहले चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी कुलदीप नहीं पहुंचे थे। कुलदीप ने कांग्रेस के कार्यक्रमों से पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है। उनके गुरुवार की बैठक में पहुंचने के आसार भी बहुत कम हैं। कायदे से एक सीट भाजपा के खाते की है तो दूसरी कांग्रेस की, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय का जजपा और निर्दलियों के समर्थन से मैदान में आने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है क्योंकि कांग्रेस के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा खुद कार्तिकेय के ससुर हैं, तो वहीं कुलदीप बिश्नोई भी कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं।
कांग्रेस ने अजय माकन को बनाया है प्रत्याशी –
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। माकन पर हरियाणा से बाहर का होने के भी आरोप लग रहे हैं। हालांकि जवाब में कांग्रेसियों ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि कार्तिकेय शर्मा भी हरियाणा के नहीं हैं। बहरहाल हरियाणा के सभी विधायकों को राजस्थान के किसी रिजॉर्ट में इकट्ठा किया जा सकता है और जब तक चुनाव नहीं हो जाता उनका सम्पर्क दूसरे दल के नेताओं के साथ पूर्ण रूप से काटा जा सकता है।
क्या है गणित और संख्या बल –
कांग्रेस के पास अपने 31 विधायक हैं और कांग्रेसी प्रत्याशी के जीत के लिए काफी भी हैं, लेकिन कांग्रेस को खतरा क्रॉस वोटिंग से है या फिर पिछली बार की तरह कोई विधायक अपना वोट रद्द ना करवा ले। कार्तिकेय के पास भाजपा, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है, हालांकि ये सब मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं। लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है। उसे देखते हुए ये भी संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय यहां बाजी मार सकते हैं।