माहासमुंद। गौठान से सोसायटी में पहुंच रही ।वर्मी कंपोस्ट की गुणवत्ता घटिया होने की वजह से किसान वर्मी कंपोस्ट लेने से हिचकी चाह रहे हैं। शासन द्वारा वर्मी कंपोस्ट की अनिवार्यता तय करने के बाद जिले की गांव के किसान अनिवार्यता समाप्त करने की मांग कर रहे हैं ।वर्मी कंपोस्ट नहीं लेने वाले किसानों को यूरिया और डीएपी नहीं दिया जा रहा है। इसी बात को लेकर किसानों में आक्रोश पनप रहा है ।सोसाइटी मे पहुंच वर्मी खाद में मिट्टी और रेत की मात्रा थी। किसानों के यहां मवेशी है। जहां रोजाना गोबर निकलता है। यदि वे सोसाइटी ओ से गोबर खाद लेंगे। तो घर में निकलने वाली गोबर का क्या करेंगे ।अब तेजी से वर्मी कंपोस्ट की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग उठने लगी है। चरोदा सोसाइटी प्रबंधक जयप्रकाश साहू ने कहा कि किसानों को वर्मी कंपोस्ट का वितरण किया जा रहा है। वर्मी खाद में मिट्टी रेत की शिकायत पर उच्च अधिकारियों के संज्ञा में डाला गया है। उन्होंने पत्र भेजा गया है।