रायपुर वॉच

उरला इलाके में पांच-छह महीनों से लूट की वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी गिरफ्तार

रायपुर। रायपुर के उरला इलाके में पांच-छह महीनों से लूट की शिकायतें सामने आ रही थीं। रात के वक्त सूनसान सड़कों पर ट्रकों में सो रहे ड्राइवर और उनके हेल्पर लूट की घटना का शिकार हो रहे थे। पुलिस के हाथ वह शातिर लग गया है जो लगातार इन वारदातों को अंजाम दे रहा था। गिरफ्तार हुए 20 साल के युवक का नाम राज सिसोदिया पारधी है, इसके साथ उरला में रहने वाला एक नाबालिग भी पकड़ा गया है जो लूट की वारदातों में इसका साथ दिया करता था।27 मई की रात को भी लूट की वारदात हुई। रात के करीब 2 बजे के आसपास ट्रक का ड्राइवर भीतर सो रहा था। इतने में एक लड़का ट्रक का दरवाजा खोलकर अंदर रखें मोबाइल को चुराने लगा। ट्रक ड्राइवर ने उसे पकड़ लिया। तब लड़के ने उसके हाथ पर चाकू चला दिया। ट्रक ड्राइवर लक्ष्मी नारायण का इस वारदात में हाथ बुरी तरह से कट गया। लक्ष्मी नारायण ने बताया कि मुझे घायल करने के बाद युवक ट्रक से नीचे उतरा तो नीचे पहले से ही इसका साथी बाइक स्टार्ट करके खड़ा हुआ था। युवक बाइक की पिछली सीट पर बैठा तेज रफ्तार से दोनों फरार हो गए।

इस घटना के बाद स्थानीय थाने की पुलिस की टीम लुटेरों की तलाश में जुट गई। ड्राइवर से मिली एक अहम जानकारी के साथ पुलिस ने इस इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ाया। ड्राइवर ने लुटेरों का चेहरा ठीक तरह से देखा नहीं था। ना ही उस बाइक पर कोई नंबर प्लेट थी, जिसमें बाइक सवार भागे थे। मगर ड्राइवर ने पिछले चक्के पर लगे कवर पर लिखा एक नाम पढ़ लिया था और यही नाम इस पूरी वारदात में पुलिस को लुटेरों तक पहुंचने में मददगार साबित हुआ।

ड्राइवर ने बताया कि पिछले चक्के की कवर पर नाम लिखा था- जय पारधी। उरला इलाके के आसपास पारधी नाम के लोगों को पुलिस ने खोजना शुरू किया। इस इलाके में एक पारधी मोहल्ला भी है। जहां पारधी सरनेम इस्तेमाल करने वाले बहुत से लोग रहते हैं। पता चला किस दुर्ग का रहने वाला एक युवक बाइक पर यहां आता है। यहां उसके मामा का घर है। पुलिस ने आरोपी के रिश्तेदार का पता लगा लिया और राज सिसोदिया पारधी तक जा पहुंची। राज ने बताया कि वह अपने एक नाबालिग साथी के साथ इस इलाके में पिछले पांच-छह महीनों से लूट की वारदातों को अंजाम दे रहा था।

पूछताछ में लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले राज सिसोदिया पारधी ने पुलिस को बताया कि वह शुरू में छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम दिया करता था । चोरी के पैसों से ही उसने पल्सर 200 मोटरसाइकिल खरीदी। लूटेरे ने कहा कि यह बाइक तेजी से भाग निकलने में मदद करती थी इसी पर बैठकर उसने 11 लोगों से रुपए और मोबाइल लूटे थे।

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