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हजारों साल पुराने प्राकृतिक जलकुंड को संरक्षित करने मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को दिए निर्देश

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– मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते उपजन कुंड संरक्षण समिति के सदस्य।

 

नेगीगुडा के समीप उपेक्षित प्रदेश का सबसे बड़ा प्राकृतिक उपजन कुंड।

विशेष: प्रदेश का सबसे बड़ा प्राकृतिक जलकुंड घाटपदमूर के नेगीगुड़ा में

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश का सबसे बड़ा प्राकृतिक और पुराना जलकुंड ग्राम पंचायत घाट पदमूर के आश्रित ग्राम नेगीगुड़ा में है।उपजनकुंड संरक्षण समिति की मांग पर सात एकड़ में फैले प्राकृतिक जलकुंड को संरक्षित करने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल को निर्देशित किया है। जगदलपुर – चित्रकोट मार्ग पर स्थित ग्राम कुम्हारावंड में 600 मीटर कि दूरी पर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा प्राकृतिक जलकुंड है। यहां भू- गर्भ का जल लगातार बाहर आकर इंद्रावती में समाहित होता है। यह कुंड कृषि महाविद्यालय तथा अनुसंधान केंद्र के अलावा नेगीगुड़ा और कुम्हारावंड के खेतों की प्यास बुझाता आ रहा है। कुंड के चारों तरफ कई सिंचाई पंप स्थापित किए गए हैं। वर्षों पुराना यह उपजन कुंड उपेक्षित है। चार साल पहले उपजन कुंड संरक्षण समिति नेगीगुड़ा की पहल पर कृषि महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, शिवानंद आश्रम के छात्रों तथा स्व सहायता समूह नेगीगुड़ा की महिलाओं द्वारा चार दिन श्रमदान कर कुंड की साफ – सफाई की गई थी। साथ ही कुंड के संरक्षण- संवर्धन हेतु जल संसाधन विभाग के तत्कालीन मुख्य सचिव गणेशशंकर मिश्रा को पत्र सौंपकर कुंड को संरक्षित करने अपील की गई थी। इस तारतम्य में जल संसाधन कार्यालय जगदलपुर द्वारा दो करोड़ 60 लाख रुपए की एक कार्य योजना तैयार की गई थी परंतु बीते चार वर्षों में कुंड के संरक्षण की दिशा कोई कार्य नहीं हो पाया।

शुक्रवार को उपजनकुण्ड संरक्षण समिति नेगीगुड़ा के सदस्य सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले और प्रदेश के सबसे बड़े किंतु उपेक्षित जलकुंड की विस्तृत जानकारी दी। संरक्षण समिति द्वारा मांग की गई है कि हजारों साल पुराने कुंड को नरवा योजना के तहत व्यवस्थित कर दिया जाए तो यह कुंड जगदलपुर शहर की बड़ी आबादी की भी प्यास बुझा सकता है। इसके लिए कुंड की सफाई, कुंड के चारों तरफ पिंचिग, पर्याप्त विद्युत पोल की मांग की गई। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि सात एकड़ में फैला उप जलकुंड छत्तीसगढ़ का सबसे पुराना तथा प्राकृतिक जल स्त्रोत है। इस प्राकृतिक धरोहर को पिकनिक स्पॉट के रूप में भी विकसित किया जाए। समिति के सदस्यों की बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल को कुंड के संरक्षण – संवर्धन की दिशा में उचित कार्य करने निर्देशित किया है।

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