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गौरी शंकर सिद्ध हनुमान मंदिर करगी रोड कोटा में हर वर्ष कि तरह भव्य भंडारे का आयोजन किया गया |

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कोटा ब्यूरो (हरीश चौबे ) | गौरी शंकर सिद्ध हनुमान मंदिर में हर वर्ष की तरह श्री राम भक्त हनुमान के जन्म उत्सव पर भव्य भंडारे का आयोजन किया गया पूरा नगर हनुमान जी के भक्ति में डूबा रहा जगह जगह भंडारे का आयोजन एवं प्रसाद वितरण किया गया वही गौरीशंकर सिद्ध हनुमान मंदिर में सुबह पूजा पाठ हवन के बाद हनुमान जन्मोत्सव उत्सव ठीक दोपहर 12:00 बजे महा आरती एवं छप्पन भोग का भोग प्रसाद लगाया गया एवं सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ के बाद सायं कॉल आरती 7 बजे भगवान का महाप्रसाद वितरण किया जाएगा गौरीशंकर सिद्ध हनुमान मंदिर के हनुमान जी की मूर्ति बहुत ही सिद्ध पीठ है यह संगमरमर की मूर्ति छत्तीसगढ़ में इकलौती मूर्ति है जिसमें हनुमान जी स्वामी अहिरावण को पैर में दबाए हुए हैं इस मूर्ति की पूजा अर्चना करने से बड़े से बड़ा संकट एवं कष्ट दूर होते हैं जिन बच्चों का विवाह में विलंब होता है वह इस मंदिर में नारियल बांधने से उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है यह चमत्कारी हनुमान जी की मूर्ति उत्तरमुखी है इसी दिन दुर्घटना नाशक यंत्र मंदिर के पुजारी के द्वारा निशुल्क वितरण किया जाता है एवं सभी बाधा को दूर करने के लिए जैसे ग्रह नक्षत्रों की बाधा शत्रु की बाधा बीमारी भूत प्रेत बाधा नजर लगना दुकान नहीं चलना उक्त कार्यों को दूर करने के लिए इस दिन ताबीज भी हनुमान जी की कृपा से निशुल्क में दी जाती है जो बच्चा पढ़ाई में कमजोर है उक्त ताबीज को धारण करने के बाद उसकी पढ़ाई में रुचि बढ़ जाती है यह सब हनुमान जी की कृपा से सभी मनोकामना पूर्ण होती है जो भी व्यक्ति श्रद्धा से कलयुग में हनुमान जी की पूजा अर्चना शुद्ध होकर सात्विक मन से करता है उसकी सभी मनोकामना हनुमान जी पूरा करते हैं कई लोग बोलते हैं या सुनने को मिलता है कि हम प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं हम को उक्त पाठ करने से कोई फायदा नहीं हो रहा है इसका यह कारण है कि वह व्यक्ति ठीक से हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर पा रहा है हनुमान चालीसा करने की विधि इस प्रकार है |

सर्वप्रथम हनुमान चालीसा को लाल अक्षर से लिखे हुए हनुमान चालीसा का पाठ लाल आसन में बैठकर चमेली तेल का दीपक हनुमान जी के सामने जलाकर धूपबत्ती कपूर से आरती कर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए अपने दाहिने और एक पंचपात्र रखकर उस में जल भरकर पाठ करने के पहले जल का विनियोग छोड़ना चाहिए तत्पश्चात पाठ को करें उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण होने पर जल का विनियोग पृथ्वी पर छोड़ना चाहिए और उक्त जल छोड़ने के बाद अपने माथे पर लगा कर उठ ना चाहिए तत्पश्चात हनुमान जी की आरती कपूर से करनी चाहिए और चमेली तेल में मिलाकर सिंदूर का तिलक सर्वप्रथम हनुमान जी को लगाएं तत्पश्चात अपने माथे पर लगाकर हनुमान जी को नारियल जनेऊ चना गुड़ व या बेसन से बनी मिठाइयों का तुलसी पत्ती डालकर भोग लगाना चाहिए और खास करके हनुमान जी को लाल फूल गुलाब का फूल बहुत पसंद है घर पर श्री हनुमान जी की सीना चीर के दिखाने वाली तस्वीर राम सीता की लगानी चाहिए जिससे जातक को बहुत फायदा मिलेगा आखरी चौपाई में तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय महं डेरा तुलसीदास की जगह व्यक्ति अपना नाम लेवे जिससे हनुमान चालीसा का पाठ का फल 1000% परसेंट उक्त व्यक्ति को मिलेगा हनुमान जन्म उत्सव के दिन हनुमान मंदिर में लाल झंडा कपिध्वज लगाना चाहिए और आक के पत्ते वहां पीपल के पत्ते में जय सियाराम लिखकर 21 पत्तों की माला श्री हनुमान जी को चढ़ाना चाहिए हनुमान जन्म उत्सव के दिन तुलसी गमले मैं भगवान शालिग्राम रख कर पूजा करने से धन-धान्य की पूर्ति होती है उस व्यक्ति के यहां लक्ष्मी निवास करती है उस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा करने से राहु केतु शनि मंगल का दोष शांत हो जाता है |

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