11 अप्रैल 2022 | आज यानी 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती है. आज देश में हर महिला स्वतंत्र है. महिलाएं हर क्षेत्र में आदमी के समान काम कर रही हैं. अपनी सदियों पुरानी सांस्कृतिक, सामाजिक और पारंपरिक बाधाओं को तोड़ रही हैं, लेकिन ऐसा पहले नहीं था. इस बदलाव के पीछे सिर्फ महात्मा ज्योतिराव फुले का हाथ था.
महात्मा ज्योतिराव फुले 19वीं सदी के एक महान समाज सुधारक, समाजसेवी, लेखक और क्रांतिकारी कार्यकर्ता थें. आज यानी 11 अप्रैल को इनकी जयंती है. सन् 1827 में महाराष्ट्र के सतारा में ज्योतिराव फुले का जन्म हुआ था. उन्होंने अपना पूरा जीवन महिलाओं और दलितों के उत्थान में लगा दिया. वह हमेशा से ही स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने और बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए काम किया करते थें.
पूरा जीवन लड़कियों के उत्थान के लिए किया अर्पण
बता दें, आज देश में हर महिला स्वतंत्र है. महिलाएं हर क्षेत्र में आदमी के समान काम कर रही हैं. अपनी सदियों पुरानी सांस्कृतिक, सामाजिक और पारंपरिक बाधाओं को तोड़ रही हैं, लेकिन ऐसा पहले नहीं था. इस बदलाव के पीछे सिर्फ महात्मा ज्योतिराव फुले को हाथ था. महात्मा ज्योतिराव और उनकी पत्नी सावित्रीबाई ने अपना पूरा जीवन लड़कियों के उत्थान, लैंगिक समानता और जातिगत भेदभाव के खिलाफ अर्पण किया है.