रायपुर वॉच

गोबर से बिजली बनाने भाभा रिसर्च सेंटर करेगा छग की मदद

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00 कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने 2 महत्वपूर्ण एमओयू
रायपुर। 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में शनिवार को छत्तीसगढ़ सरकार ने दो महत्वपूर्ण एमओयू किए। इस एमओयू से जहां कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वहीं दूसरी ओर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर गोबर से बिजली बनाने के लिए तकनीकी मदद करेगा और इससे गौठानों में गोबर आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में शनिवार को यहां उनके निवास कार्यालय में कार्यक्रम हुआ। इसमें राज्य में कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हुए 2 महत्वपूर्ण एमओयू हुए। छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न, सब्जी और लघु वनोपजों को लंबे समय तक सुरक्षित, तरोताजा एवं गुणवत्ता युक्त रखने के लिए शासकीय क्षेत्र में पहला फ़ूड इरेडिएटर प्लांट स्थापित होगा। फ़ूड इरेडिएटर प्लांट के संचालन एवं तकनीक हस्तांतरण को लेकर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से बीज निगम एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत विकिरण बोर्ड एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी के मध्य एमओयू हुआ।

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य को गौठानों में गोबर से बिजली बनाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन देगा। गौठानों में गोबर आधारित विद्युत संयंत्र लगाए जाएंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण ( सीबीडीए )और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) के मध्य एमओयू हुआ। गौठानों में गोबर से उत्पादित बिजली का उपयोग वहां संचालित रूलर इंडस्ट्रियल पार्क की पावर चलित मशीनों, पेयजल, सिचाईं, प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य कार्यों के लिए होगा। अतिरिक्त बिजली का विक्रय विद्युत वितरण कंपनी को किया जा सकेगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, सचिव ऊर्जा अंकित आनन्द सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर तथा विकिरण बोर्ड और आइसोटोप प्रौद्योगिकी के प्रतिनिधि अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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