भारतीय नौसेना रविवार को मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों से लैस स्वदेश में निर्मित ‘स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक विशाखापट्टनम’ को आज अपने बेड़े में शामिल करेगा. पश्चिमी नौसेना कमान में होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर शामिल होंगे. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आईएनएस विशाखापट्टनम को शामिल किया जाना एडवांस युद्धपोतों के निर्माण और डिजाइन क्षमता वाले देशों में भारत की मौजूदगी को मजबूत करेगी.
रक्षा मंत्रालय ने रविवार सुबह INS विशाखापट्टनम पर बने एक वीडियो को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, “यह चौकन्ना है, यह पराक्रमी है, यह हमेशा विजयी होगा. भारत का पहला स्वदेशी पी15 विध्वंसक INS विशाखापट्टनम नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज मुंबई में होने वाले समारोह में शामिल होंगे.”
INS विशाखापट्टनम सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार उपकरणों सहित घातक हथियारों एवं सेंसर से लैस है. अधिकारियों ने कहा कि यह 35,000 करोड़ रुपए की परियोजना 15बी का पहला विध्वंसक है. इस परियोजना के तहत कुल चार युद्धपोत बनाए जा रहे हैं.
आईएनएस विशाखापत्तनम की खासियत
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विशाखापट्टनम का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249 ए का उपयोग करके किया गया है और यह 163 मीटर की कुल लंबाई और 7400 टन से अधिक की वहन क्षमता के साथ भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक में से एक है. जहाज में लगभग 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री है, जो आत्मनिर्भर भारत में योगदान देगा. जहाज एक शक्तिशाली प्लेटफ़ॉर्म है, जो सामुद्रिक युद्ध के सभी आयामों में विस्तृत अनेक प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है.
विशाखापट्टनम हथियारों और सेंसर से लैस है, जिसमें सुपरसोनिक सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और छोटी दूरी की गन्स, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार सूट शामिल हैं. मंत्रालय ने बताया कि जहाज एक शक्तिशाली संयुक्त गैस प्रणोदन द्वारा चलने वाला है जो उसे 30 समुद्री मील से अधिक की गति से चलने में सक्षम बनाता है.
इस जहाज में अपनी पहुंच को और बढ़ाने के लिए दो एकीकृत हेलीकॉप्टरों के संचालन की क्षमता है. परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम और इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम समेत बहुत उच्च स्तर का स्वचालन इस जहाज की खासियत है.