प्रांतीय वॉच

धमधा के शासकीय भवन का नामकरण होगा संस्थापक राजा के नाम पर

  • धरोहर सभी की संपत्ति, इसे बचाना हर नागरिक की जिम्मेदारी- मरकाम
  • आदिवासी गोंडवाना महोत्सव में शामिल हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

नरेश राखेचा/धमधा। धमधा में आदिवासी गोंडवाना महोत्सव एवं ईशरगौरा महापूजा का आयोजन पारंपरिक पद्धति से उत्साह के साथ हुआ।इसमें मांदर की थाप के साथ आदिवासी नृत्य करते हुए नगर में शोभायात्रा भी निकाली गई। नागरिकों ने आरती उतारकर स्वागत व पूजा की। मरकाम राजपरिवार व धर्मधाम गौरवगाधा समिति के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहन मरकाम ने कहा कि हमारी धरोहर आज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। हम कोई विवाद नहीं चाहते, शांति के साथ विकास चाहते हैं। इसके पुरातात्विक संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से चर्चा करेंगे। धमधागढ़ गोंड समाज की पहचान है। मरकाम वंशीय राजाओं ने यहां सात सौ साल तक राज किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि धमधा की स्थापना गोंड राजाओं ने की लेकिन इस गौरवशाली इतिहास को सभी भूल गए हैं। उन्होंने धमधा के निर्माणाधीन सौ बिस्तर अस्पताल व नए सब्जी मंडी का नामकरण नगर के संस्थापक राजा सांड-विजयी के नाम पर करने की मांग की तथा अंतिम राजा परऊ सिंह व स्वतंत्रता सेनानी बूढ़ान साय के नाम पर शैक्षणिक संस्था का नामकरण करने की मांग की। जिसे प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने नगर पंचायत अध्यक्ष सुनीता गुप्ता को प्रस्ताव भेजने कहा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने कहा कि गोंड राजाओं की नगरी धमधा के धरोहरों का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिये शासन स्तर पर प्रयास किया जाएगा। यह केवल मरकाम परिवार की संपत्ति नहीं, बल्कि नगर और देश-प्रदेश की संपत्ति है। इसका संरक्षण करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य अनुसूचित जनजाति प्राधिकरण मध्यक्षेत्र की उपाध्यक्ष व विधायक सिहावी श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि मरकाम राजवंश के आयोजन के लिये किला परिसर नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। भविष्य में इस तरह की परिस्थिति निर्मित न हो, इसके लिये पहल की जाएगी।
कार्यक्रम में राजपरिवार के वंशज योग साय, गंडई के राजा तारकेश्वर सिंह खुसरो, अादिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री जनक ध्रुव, सुनीता राजीव गुप्ता, शमशीर कुरैशी, अशोक कसार, लखन ध्रुव, बैरागी मरकाम विशेष रूप से उपस्थित थे। मंच संचालन गोविन्द पटेल ने व आभार इंजी. बाल्मिकी मरकाम ने किया।

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