रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के लिए रायपुर में पिछले लगभग 15 सालों से काम कर रहे नेता के खिलाफ पार्टी ने एक्शन लिया है। एनजीओ प्रकोष्ठ के जिला संयोजक विजय जयसिंघानी को अचानक उनके पद से हटा दिया गया है। विजय का दावा है कि इस बारे में उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। ये साफ तौर पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला है। भाजपा के संविधान के खिलाफ जाकर मेरे साथ ये सलूक किया गया है। विजय ने बताया कि गुपचुप तरीके से उनके पद पर किसी और नेता को जिम्मा भी सौंप दिया गया है।
विजय के मुताबिक पार्टी में लगातार इस तरह से कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। जिससे कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। उन्होंने बताया है 27 अगस्त को मुझे पद मुक्त कर दिया गया। मुझे न जानकारी दी गई न कोई नोटिस। इस बारे में विजय ने पार्टी के जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी से बात करने का प्रयास किया। विजय का दावा है कि अपनी बात रखने के वो लगातार संगठन के नेताओं से मिलने का प्रयास करते रहे मगर किसी ने समय नहीं दिया। अब विजय की जगह नवीन शर्मा नाम के व्यक्ति को एनजीओ प्रकोष्ठ का जिला संयोजक बना दिया गया है।
मूणत के खिलाफ बोलने पर मिली सजा ऐसी चर्चा
अब इस कार्रवाई के बाद संगठन में चर्चा है कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत के काम काज के तरीकों पर आपत्ति जताने की वजह से विजय जयसिंघानी इस कार्रवाई का शिकार हुए हैं। विजय ने कबूला कि उन्होंने पूर्व में मूणत के खिलाफ बातें कहीं थीं। मगर उनपर एक तरफा तरीके की ये कार्रवाई सही नहीं। अब खबरें हैं कि मूणत के इशारे पर भी विजय के खिलाफ ये एक्शन हुआ होगा।
इस मामले से जुड़ा है विवाद
दरअसल रायपुर के एक वॉट्सअप ग्रुप में विजय ने पूर्व मंत्री मूणत के खिलाफ विरोध जताते हुए उनके कार्यकर्ताओं के प्रति बुरे व्यवहार पर उन्हें कोसा था। मैसेज का स्क्रीन शॉट भी वायरल हुआ था। ये खबर संगठन में फैली। तब इस मामले में राजेश मूणत ने कुछ भी कहने से इंकार करते हुए इसे छोटा मामला बता दिया था।