देश दुनिया वॉच

जांच में खुलासा! कोविड वार्ड में लगी थी आग और मदद के लिए चिल्ला रहे थे मरीज, स्टाफ करता रहा नाश्ता

Share this

अहमदनगर : महाराष्ट्र के अहमदनगर में सिविल अस्पताल के कोविड ICU वार्ड में लगी आग में 11 मरीजों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों और मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने बताया है कि कोविड वार्ड में आग लगने के बाद जब लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे उस वक़्त हॉस्पिटल स्टाफ बाहर चाय-नाश्ता करने में व्यस्त थे. मिली जानकारी के मुताबिक आईसीयू वार्ड का पूरा मेडिकल स्टाफ बाहर आकर चाय और नाश्ता कर रहा था. आग लगने के दौरान वार्ड के इंचार्ज भी ड्यूटी पर नहीं आए और न ही उन्होंने अपने न आने की जानकारी किसी को दी.

जांच में सामने आया है कि अस्पताल में एडमिट मरीजों को आग लगें के बाद दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था. इस दौरान अस्पताल में रखे आग बुझाने के उपकरण आग बुझाने में नाकाम रहे, जिससे आग बढ़ गई थी. जिस दौरान यह आग लगी, उस समय ICU वार्ड में 20 लोग मौजूद थे. ICU में कई मरीज ऐसे भी थे, जो वेंटिलेटर पर थे. जिस वार्ड में आग लगी, वह अस्पताल के बिलकुल बीच में है इसलिए बचाव कार्य में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

कई मरीजों के परिजनों ने सुनाई आपबीती
एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में विवेक खटिक ने बताया कि उनके पिता भी कोविड वार्ड में भर्ती थे और उनकी भी इस हादसे में मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि उस दिन उनके 65 वर्षीय पिता ने उन्हें टेबल फैन लगाने को कहा था. जब वे अस्पताल पहुंचे तो आग लग चुकी थी और चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल और धुंआ ही धुंआ ही था. वे जैसे ही वो वार्ड में गए, उन्होंने अपनी मां के चिल्लाने की आवाज सुनी. विवेक ने पहले तो अपने मां को वहां से बाहर निकाला और उसके बाद पिता को कंधे पर बैठाकर बाहर 200 मीटर दूर पुरानी बिल्डिंग में बने दूसरे वार्ड लेकर गए, जहां उनके पिता ने आखिरी सांस ली.

चाय-नाश्ता करने गए थे स्टाफ के लोग
अहमदनगर के एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि जिस वक्त आग लगी, उस वक्त स्टाफ के सभी 4 लोग वहां मौजूद नहीं थे और सभी बाहर चाय-नाश्ता कर रहे थे. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के आदेश पर तोफखान्मा पुलिस थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है. एसपी मनोज पाटिल ने बताया कि अगर अस्पताल का स्टाफ इंतजार करता और लोगों की मदद करता तो ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी.

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपी हॉस्पिटल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है. फिलहाल पुलिस ने धारा 304 के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. अगर सबूत मिलता है तो इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *