(रायपुर ब्यूरो ) | नैशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान की शुरूआत 8 नवंबर से 15 नवंबर तक राजधानी सहित सभी जिलों में चलाया जाएगा। एनएसयूआई के अनुसार नयी शिक्षा नीति केंद्रीकरण व शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देती है। साथ ही यह शिक्षा विरोधी नीति तब लायी गयी जब पूरे देश में कोविड कहर का दौर था। उद्देश्य साफ है मोदी सरकार शिक्षा को भी सिर्फ अमीरों के लिए एक सुविधा जैसा बनाना चाहती है। गरीब ब”ाों के भविष्य के साथ यह सीधा खिलवाड़ है |
शिक्षा बचाओ देश बचाओ अभियान को एनएसयूआई छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पाण्डेय ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा में बताया कहा कि बीजेपी सरकार निजीकरण नौकरियां, आरक्षण व भविष्य सब बर्बाद कर देगा। सरकारी संस्थानों के निजीकरण से देश के युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे। अब तो नयी शिक्षा नीति भी निजीकरण को बढ़ाया दे रही है। साथ ही एसएससी, एनआईआईटी, जेईई जैसे सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटाले सामने आना व युवाओं को वर्षों तक नौकरी नहीं देना यह साफ बताता है कि मोदी सरकार छात्र विरोधी है। अगर हम छात्र वर्ग के लिए कोई नीति बना रहे है तो हमारा कर्तव्य बनता हैं कि हम उनसे चर्चा करे लेकिन वर्तमान सरकार की आदत बन चुकी हैं कि सभी कार्य तानाशाही तरीके से लागू करते हैं |
एनएसयूआई छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष नीरज पाण्डेय का कहना है कि जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई हैं तब से छात्रों की फैलोशिप एवं स्कॉलरशिप रोकी जा रही हैं, प्रवेश परीक्षाओं में घोटाले हो रहे है तथा परीक्षाओं के परिणाम देरी से आ रहे हैं, जिसके कारण छात्रों के 2 साल बर्बाद हो जाते हैं |
एनएसयूआई केन्द्र सरकार से मांग करती है कि केन्द्रीय स्तर एवं प्रदेश स्तर पर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में आयु सीमा में कम से कम 2 साल की छूट दी जाएं। क्योंकि कोरोना काल में छात्रों के 2 साल पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं | गौरतलब है कि कोरोना काल के नुकसान के बाद छात्र अब तक नुकसान से नहीं उबर पाए है और एनएसयूआई के इस आंदोलन ने छात्रों की मांगों को आवाज दी है। इस प्रेसवार्ता के दौरान अमित शर्मा, परमीत हनी बग्गा, हेमंत पाल, भक्कू कश्यप, कृष्णा सोनकर, तुषार गुहा, मिर्जा असलम मौजूद थे |