रायपुर वॉच

हाईकोर्ट ने अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला की याचिका खारिज की, नान घोटाले में आरोपी हैं अफसर

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बिलासपुर : IAS अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने बुधवार को दोनों अफसरों की आपराधिक रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में गुण दोष पर कोई राय नहीं दे रहे हैं। स्पेशल जज ने जो निर्णय दिया है उसे अनुचित नहीं माना जा सकता, इसलिए आपराधिक रिविजन खारिज की जाती है। दोनों अफसरों ने स्पेशल कोर्ट में नान घोटाले को लेकर आरोप तय कर ट्रायल शुरू करने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।

दरअसल, ACB ने नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय सहित अन्य जिलों के कार्यालयों और अफसरों व कर्मचारियों के आवास में एक साथ छापेमारी की थी। इसमें करोड़ों रुपए की अनियमितता उजागर हुई थी। इस करोड़ों रुपये के घोटाले को ACB व EOW ने दो IAS समेत 18 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में 15 अफसर व कर्मचारियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया। इसमें कई अधिकारी-कर्मचारी गिरफ्तार किए गए। वहीं, कुछ आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई।

स्पेशल कोर्ट के आदेशों के खिलाफ लगाई थी याचिका
स्पेशल कोर्ट ने IAS अनिल टुटेजा व आलोक अग्रवाल के खिलाफ भी चार्ज शीट तय कर दी। इस बीच दोनों अफसरों ने रायपुर के स्पेशल कोर्ट लीना अग्रवाल के समक्ष दोषमुक्ति के लिए आवेदन पेश किया था, जिसे कोर्ट ने 24 जून 2021 को खारिज कर दिया। बाद में उन्होंने ACB की कार्रवाई को निरस्त का आग्रह करते हुए दोबारा आवेदन पेश किया। स्पेशल कोर्ट ने 30 जून 2021 को उसे भी खारिज कर दिया। स्पेशल कोर्ट के दोनों आदेश के खिलाफ 8 अक्टूबर को जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हाईकोर्ट में चल रही है 5 जनहित याचिकाएं
नान घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग 5 याचिकाएं लंबित है, जिस पर सुनवाई चल रही है। इसमें हमर संगवारी, सुदीप श्रीवास्तव, वीरेंद्र पाण्डेय , धरमलाल कौशिक सहित अन्य शामिल हैं। जनहित याचिका में नान घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई।

आगे क्या होगा
कानून के जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद स्पेशल कोर्ट का आदेश को यथावत है। ऐसे में इस मामले में स्पेशल कोर्ट में अब ट्रायल शुरू हो सकता है। वहीं दोनों आईएएस अफसर हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि अफसर इस मामले में अपने वकीलों की राय ले रहे हैं।

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