कमलेश लव्हात्रे/बिलासपुर : संवैधानिक इसलिए क्योंकि संविधान पर हाथ रख उसके मूल्यों की शपथ लेकर शादी तथा आदर्श इसलिए क्योंकि सरल और बहुत कम खर्च की शादी। और साथ में ऐसा निर्णय की भविष्य में सिर्फ भारतीय होकर ही जीवन यापन … जीवन में कोई धर्म कोई जाति के बीच में ना आने का वादा.. यही तो है हमारे संविधान का इरादा। डॉ इकबाल हुसैन शिखा खाण्डे दोनों ही का मानना था कि उनका विवाह धर्म, सम्प्रदाय, जाति तक सीमित ना होकर दो भारतीयों का विवाह हो, और ऐसा विवाह उन्होंनें किया भी जिसमें उनकों सहयोग मिला *लखन सुबोध जी एवं टीम* का…. जिनकें माध्यम से ही, बहोत ही सादगीपूर्ण रुप से विवाह सम्पन्न हुआ। विवाह स्थल पर हमें एक बहुत सुंदर नज़ारा यह भी देखनें मिला कि विवाह के तुरंत बाद ही डॉ *इकबाल हुसैन* द्वारा मरीज़ की जांच भी की गयी।
इकबाल हुसैन एवं शिखा खाण्डे का संवैधानिक- आदर्श विवाह संपन्न हुआ
