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गोबर से बनाये फ्लोटिंग दीये, इंग्लैंड और कनाडा भी भेज रहे

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  •  छठ पूजा एवं कार्तिक पूजा में नदी और तालाब में दीया छोड़ने का नियम, गोबर से बने इकोफ्रेंडली दीये देर तक पानी में तैरते हैं और प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाते

तापस सन्याल/दुर्ग : इस दीवाली देश-विदेश में भिलाई के गोबर के बने फ्लोटिंग दीये की विशेष रूप से डिमांड पैदा हुई है। गोबर के बने फ्लोटिंग दीये सुंदर तो हैं ही, देर तक पानी में तैरने की वजह से यह बहुत सुंदर नजारा प्रस्तुत करते हैं। यह इकोफ्रेंडली भी हैं इस वजह से देश भर में यह दीये बिक रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए ऐसे दीये बनाने वाली संस्था उड़ान नई दिशा समूह की अध्यक्ष श्रीमती निधि चंद्राकर ने बताया कि कार्तिक पूजा और छठ में नदी और सरोवरों में दीये छोड़ने का नियम होता है। ऐसे में गोबर से बने दीये तैरते रहते हैं और पूरी नदी में बहुत सुंदर नजारा प्रस्तुत करते हैं। श्रद्धालु इन दीयों को बहते देर तक देखते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा यह दीये इको फ्रेंडली भी हैं। प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाते। इसके साथ ही कांच के सुंदर बर्तनों में इन दीयों को सजायें तो पूजा का बहुत सुंदर वातावरण इनसे बनता है। उन्होंने बताया कि दीपावली को लेकर विशेष तरह की तैयारियां की गई हैं। देश भर में दीयों की अच्छी डिमांड आ रही है। उनके पास चंडीगढ़, अहमदाबाद, टाटा नगर और लखनऊ से भी आर्डर आये हैं। इसके अलावा विदेशों में इंग्लैंड और कनाडा से भी अच्छी डिमांड आई है। उन्होंने कहा कि हम लोग हमेशा नये तरह के प्रयोग करते हैं और इस बार भी दीयों की सजावट में विशेष रूप से कार्य किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने के प्रयासों का विशेष रूप से अच्छा असर दिखा है। दीवाली का बाजार स्थानीय उत्पादों से सज रहा है। केवल प्रदेश भर में ही नहीं, प्रदेश के बाहर भी इन सुंदर कलाकृतियों की डिमांड आ रही है।

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