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अरोपी पुलिस को गुमराह करने युवक का हत्या कर दिया दुर्घटना का नाम

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  • पुरानी रंजिश के चलते प्रेमी प्रेमिका ने मिलकर रस्सी से गला दबाकर किया हत्या, प्रेमिका गिरफ्तार अब भी प्रेमी फ़रार

प्रकाश नाग/केशकाल : केशकाल अनुविभाग के इरागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उमला जाने वाले मार्ग में बीते रविवार को सड़क के किनारे कोनगुड निवासी 19 वर्षीय युवक मनोज मरापी का शव सन्देहास्पद अवस्था मे पड़ा मिला था। जिसे देखते ही स्थानीय लोगों ने इरागांव पुलिस को घटना की सूचना दी थी। हालांकि शव को देखने पर प्रथम दृष्टया सड़क दुर्घटना लग रही थी। लेकिन जब मृतक के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आई तो पता चला कि युवक की मौत सड़क दुर्घटना से नही बल्कि अज्ञात लोगों के द्वारा गला घोंटने की वजह से हुई थी। ततपश्चात इरागांव पुलिस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों की पतासाजी में जुट गई थी। फलस्वरूप मंगलवार दिनांक 5 अक्टूबर को पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए घटना में संलिप्त एक आरोपिया को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं घटना का मुख्य आरोपी अभी भी फरार है जिसकी पतासाजी जारी है। वहीं हत्या का कारण पुरानी रंजिश बताई जा रही है।
केशकाल
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए केशकाल अनुविभागीय अधिकारी पुलिस भूपत सिंह धनेश्री ने बताया कि दिनांक 3 अक्टूबर को इरागांव थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम उमला में एक अज्ञात युवक का शव सडक किनारे पडे होने कि सूचना प्राप्त होने पर थाना प्रभारी विनोद साहू एवं स्टाफ तत्काल मौके पर पहुंचे। शव संदेहास्पद स्थिति में पडा था अज्ञात शव के बारे में आस-पास के लोगो से पुछ ताछ करने पर युवक का नाम मनोज मरापी पिता रामसाय मरापी निवासी कोनगुड का होना बताया। घटना स्थल एवं शव को बारीकी से निरीक्षण करने वास्ते फाॅरेंसिक टीम को बुलाया गया। घटना स्थल का निरीक्षण एवं शव पंचनामा कार्यवाही करने के बाद शव को पीएम हेतु सीएचसी केशकाल भेजा गया। जहां डाक्टरो की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम किया गया जिसमें डाक्टरो ने शार्ट पीएम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु गला घोंटने के कारण श्वास अवरूध्द होना बताया। जिस पर थाना ईरागांव में धारा 302 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मामले में पुलिस अधीक्षक सिदार्थ तिवारी के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुलदेव शर्मा के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी केशकाल भूपत सिंह धनेश्री के पर्यवेक्षण में मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की गिरफ्तारी थाना प्रभारी विनोद कुमार साहू के नेतृत्व में टीम तैयार किया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान मृतक के परिजनो, गवाहों व मुखबीरी के आधार पर हत्या में शामिल आरोपिया कुमारी जानकी मण्डावी को पुलिस हिरासत में लेकर पुछताछ किया गया। जिसमें उसने बताया कि उसने पुरूष मित्र रतीराम मरापी के साथ षड्यंत्र कर सर्वप्रथम मृतक मनोज मरापी को अपने प्रेम जाल फसा कर उसे धोखा देेकर मिलने के लिए उमला चौक पर बुलाया। वहां आने के पश्चात उसे उमला रोड में ले जाकर बात कर रही थी तभी मौका पाकर आरोपी रतीराम मरापी ने रस्सी को मनोज मरापी के गले में फॅसा कर गिरा दिया, जिससे मनोज की मृत्यु हो गयी। फिर रतीराम मरापी ने मनोज के मोटर सायकल को उसके ऊपर पटककर एक्सीडेन्ट का रूप देना बताया। वैधानिक कार्यवाही पश्चात आरोपिया जानकी मण्डावी निवासी पारा ईरागाॅव को दिनांक 5 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायायिक रिमाण्ड पर माननीय न्यायालय भेजा गया। प्रकरण के मुख्य आरोपी रतिराम मरापी निवासी कोनगुड थाना धनोरा घटना के बाद से फरार है जिसकी पता तलाश की जा रही है। सम्पूर्ण कार्यवाही में सउनि. पिताम्बर कठार, सउनि. किशोर कुमार प्रजापति, सउनि. देवेन्द्र नागेश प्र.आर. रामदयाल पैकरा आर. संतोष पोयाम आर. रामलाल मण्डावी, मानकू नेताम आर. बेनेदिक्त खलखो आर. जितेन्द्र मरकाम आर. यशोदा नेताम शामिल रहे।

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