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संवेदनशीलता का परिचय देते हुए निष्ठा के साथ अपने कार्य को सम्पादित करें: कलेक्टर

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  • कलेक्टर ने अधिकारियों की ली परिचयात्मक बैठक
  • विशेष पिछड़ी जनजातियों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति करें जागरूक

बलरामपुर : नवपदस्थ कलेक्टर कुन्दन कुमार ने संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक ली। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से विभाग के प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये, साथ ही संवेदनशीलता का परिचय देते हुए निष्ठा के साथ अपने कार्य को सम्पादित करने को कहा। बैठक में उन्होंने विगत माह में जिले के विकासखण्ड रामचन्द्रपुर एवं वाड्रफनगर में विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो समुदाय के सदस्यों की हुई मृत्यु के कारणों के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने जिले में बीमारी से पण्डों सदस्य की पहली मृत्यु होने पर क्या कार्यवाही की गई थी, इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, जनपद पंचायत एवं राजस्व विभाग द्वारा ग्राम दोलंगी में क्या व्यवस्था की गयी थी? की जानकारी ली।

दूषित पेयजल की शिकायत मिलने पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही के संबंध में संबंधित अधिकारी से जानकारी ली। उन्होंने बीमारी के दौरान अप्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने तथा झाड़-फूंक करने वालों पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई। उन्होंने आगे इस तरह के पुनरावृति होने पर ऐसे व्यक्तियों के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों का डोर-टू-डोर परिवार के सदस्यों की जांच करने एवं सभी प्रकार के जांच कीट पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिये। उन्होंने खण्ड चिकित्सा अधिकारियों से गंभीर मरीजों का चिन्हांकन कर इलाज करने तथा रिफर की स्थिति में एक कर्मचारी को मरीज के साथ भेजने को कहा। साथ ही स्वास्थ्य शिविर को जारी रखने के निर्देश देते हुए प्रत्येक कलस्टर में एम्बुलेंस की व्यवस्था करने को कहा।

बैठक में जनपद पंचायत वाड्रफनगर एवं रामचन्द्रपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पेयजल से प्रभावित ग्रामों की जानकारी दी गयी। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी से ऐसे ग्रामों के सभी हैण्डपम्प के पानी की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने एवं पानी की समस्या का निराकरण करने को कहा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारियों को विशेष पिछड़ी जनजातियों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा के प्रति जागरूक करने साथ ही गर्भवती एवं शिशुवती माताओं का डोर-टू-टोर विजीट कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना का पुनरावृति न हो, इसके लिए विभागीय अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गई है।

वे अपने क्षेत्र के प्रत्येक पंचायतों के गांव में घर-घर जाकर निरीक्षण करेंगे और वास्तविक स्थिति का जायजा लेकर अवगत करायेंगे। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी से पण्डो बाहुल्य क्षेत्र के स्कूलों के समस्त प्रधान पाठक, शिक्षकों एवं छात्रावास अधीक्षकों को जनजाति क्षेत्र में अपने-अपने ग्राम में जागरूकता लाने हेतु निर्देशित करने को कहा। उन्होंने पंचायत स्तर पर भी सामूहिक रूप से प्रचार-प्रसार कर जागरूकता लाने की कही। बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा कलेक्टर कॉन्फ्रेंस हेतु दिये गये एजेण्डा पर चर्चा की गयी। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों से एजेण्डा की जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रीता यादव, अपर कलेक्टर श्री एस.एस. पैकरा, जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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