नई दिल्ली : भाविना पटेल ने टोक्यो पैरालंपिक में ऐतिहासिक सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उनका ये मेडल ऐतिहासिक सिर्फ इसलिए नहीं है कि वह पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं, बल्कि इसलिए भी है, क्योंकि उन्होंने भारत को टेबल टेनिस जैसे खेल, जिसमें चीन का दबदबा रहता है, उसमें पहला ओलंपिक मेडल दिला दिया और वो भी सिल्वर मेडल. ओलंपिक हो या फिर पैरालंपिक, भारत ने टेबल टेनिस में इससे पहले कोई मेडल नहीं जीता था. भारतीय चुनौती क्वार्टर फाइनल तक पहुंचते-पहुंचते ही खत्म हो जाती थी, मगर भाविना इसी खेल के फाइनल तक पहुंची और भारत की झोली में सिल्वर मेडल डाला.
चीनी दीवार को गिराकर तय किया था फाइनल तक का सफर
खिताबी मुकाबले में उन्हें चीनी खिलाड़ी झाउ यिंग के हाथों 11-7, 11- 5, 11-6 से भले ही हार का सामना करना पड़ा. मगर यहां तक का सफर उन्होंने चीनी दीवार को गिरा ही तय किया था. उन्होंने दुनिया की तीसरे नंबर की चीनी खिलाड़ी को सेमीफाइनल में 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था. भारत की नंबर एक टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा टोक्यो ओलंपिक में महिला सिंगल के तीसरे राउंड तक पहुंची थी और वह यहां तक पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थीं. टोक्यो पैरालंपिक में भाविना के सिल्वर मेडल के साथ ही भारत का खाता खुला है.