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जिले के जंगली क्षेत्रों में रहने वाले पहाड़ी कोरवा आदिवासियों के लिए अभी भी रोजी-रोटी का जरिया बना हुवा है खुखड़ी एवं पुटू

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आफ़ताब आलम/बलरामपुर : प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण बलरामपुर रामानुजगंज जिले में इन दिनों प्राकृतिक उत्पाद खुखड़ी से ग्रामीण बाजार सजे हुए हैं। अपनी आजिविका के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला-पुरुष जंगलों से पुटू खुखड़ी व सोरवा खुखड़ी लाकर सड़क किनारे बेच रहे हैं। खास बात यह है कि खुखड़ी आते ही समाप्त हो जाती है, ग्राहक खुखड़ी का बेसब्री से इंतजार करते हैं खुखड़ी की सब्जी आदिवासी व स्थानीय लोग खूब पंसद करते हैं। जंगल में पुटु-खुखड़ी बिनकर 50 रुपए दोना के रेट से खुखड़ी और 40 रूपए बंडल के रेट से पुटू बेचकर अपना रोजी-रोटी चला रहे हैं अभी बरसात के मौसम में पहाड़ी कोरवा आदिवासियों के आय का जरिया बना हुआ है। जंगल में जाकर खुखड़ी पुटू लाने के दौरान जंगली जानवर के हमले का भी खतरा बना रहता है।

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