देश दुनिया वॉच

तालिबान का दावा- 150 भारतीयों का अपहरण नहीं किया, एयरपोर्ट के अंदर ही सुरक्षित स्थान पर ले गए

Share this

काबुल : अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने की अभियान जारी है। इस बीच, चिंता वाली खबर यह है कि तालिबान के आतंकी काबुल एयरपोर्ट के बाहर इंतजार कर रहे 150 भारतीयों को जबरन अपने साथ ले गए हैं। इनके साथ 70 अफगानी सिखों को भी ले गए थे, जो गुरुद्वारा पहुंच चुके हैं, लेकिन 150 भारतीयों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि तालिबान की ओर से दावा किया गया है कि उन्हें इन भारतीयों का अपहरण नहीं किया है बल्कि काबुल एयरपोर्ट में ही सुरक्षित स्थान पर ले गए हैं। वहीं स्थानीय मीडिया को लोग इसे किडनैपिंग करार दिया है। कहा जा रहा है कि इन भारतीयों के साथ हाथापाई भी की गई है। कुछ को चोटें भी आई हैं। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। भारत सरकार की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। यह साफ नहीं है कि इन लोगों को बंधक बनाया गया है या उन्हें काबुल से निकालने की कवायद है। अधिकांश लोगों के मोबाइल बंद हैं। वैसे सुबह यह खबर जरूर थी कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर करीब 220 भारतीय फंसे हैं। ये सभी एक बस में सवार थे और भारी भीड़ होने के कारण इनको एयरपोर्ट में एंट्री नहीं मिली थी। खबरों के मुताबिक, ये लोग 48 घंटों से यहां फंसे हैं। सूचना मिलते ही सरकार हरकत में आ गई है। इन्हें काबुल एयरपोर्ट में लाने और फिर सुरक्षित भारत पहुंचाने की कोशिश जारी है। सबकुछ ठीक रहा तो ये आज ही भारत लौट आएंगे। इस बीच, अफगानिस्तान में तालिबान का विरोध शुरू हो गया है। अधिकांश स्थानों पर आम जनता तालिबान के खिलाफ लामबंद है, वहीं अब ताबिलान विरोधी फोर्स ने भी अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। ताजा खबर यह है कि तालिबान विरोधी लड़ाकों ने कथित तौर पर कुछ तालिबानी आतंकियों को मार डाला और तीन जिलों को तालिबान के नियंत्रण से मुक्त कर दिया है। खैर मुहम्मद अंदाराबी के नेतृत्व में बलों का दावा है कि उन्होंने तालिबान के नियंत्रण से तीन जिलों- पोल-ए-हेसर, देह सलाह और बानो पर पुनः कब्जा कर लिया है। तालिबान विरोधी यह लड़ाके अब दूसरे जिलों की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान को माफी नहीं किया जा सकता है। अफगान समाचार एजेंसी असवाका ने कहा, कई तालिबान मारे गए और घायल हुए हैं। इस बीच, नाटो के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी पर कब्जा करने के बाद से 18,000 से अधिक लोगों को काबुल से बाहर निकाल दिया गया है। हजारों लोग देश से भागने के लिए बेताब है और अभी भी हवाई अड्डे पर उमड़ रहे थे। अफगानिस्तान पर मंडरा रहा ग्लोबल वार्मिंग का खतरा: संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी कि ग्लोबल वार्मिंग से जुड़े युद्ध और सूखे के संयुक्त प्रभावों ने अफगानिस्तान की एक तिहाई आबादी यानी करीब 14 मिलियन लोगों को गंभीर या तीव्र भूख के खतरे में डाल दिया है। तालिबान द्वारा सरकार को सप्ताहांत में सत्ता संभालने के बाद देश को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *