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विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय में हुआ कार्यक्रम जिले के हजारों की संख्या में आदिवासी महिला , पुरुष एवं बच्चे हुए सामिल , क्षेत्रीय विधायक वृहस्पति सिंह ने उपस्थित

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* आदिवासी भाइयो को विश्व आदिवासी दिवस की दी बधाई एवं सुभकामनाये | आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा ने झारखंड और छोटानागपुर क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाई थी |

बलरामपुर ब्यूरो (आफताब आलम ) | बलरामपुर जिला मुख्यालय के आडोटोरियम भवन हाट बाजार में विश्व आदिवासी दिवस का कार्यक्रम क्षेत्रीय विधायक विरहसप्त सिंह के अगुवाई में सम्पन्न हुआ |कार्यक्रम के मुख्यातिथि विधायक विरहसप्त सिंह को बदनाम करने विगत दिनों कुछ राजनीतिक पार्टियों ने जो सडयंत्र रचा था उस सडयंत्र का पर्दा फास करते हए इस आयोजन में जिले के हजारों की संख्या में आदिवासी भाई बहन ,बच्चे, बूढ़े, एवं नोजवान उपस्थित होकर साबित कर दिया कि विधायक आदीवासियो का सुभचिंतक है |विधायक विरहसप्त सिंह ने कार्यक्रम में आये सभी समाज प्रमुख लोगो को फूल माला पहना पगड़ी रस्म के तहत सम्मानित किया |कार्यक्रम में उपस्थित चिलमा सरपंच अंजू लकड़ा ने उपस्थित लोगों का अपने गीत से मनमोह लिया वही आदिवासियों के वर्तमान स्थिति से मुख्यातिथि को अवगत कराया |विदित हो कि देश भर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है इसी कड़ी में बलरामपुर जिला मुख्यालय में भी वीभिन्न संगठन के लोग एक मंच पर आकर आदीवासी एकता का परिचय दिया और बाबासाहब भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते एवं संबिधान में दिए मौलिक अधिकारों के तहत देश में भाई चारे के साथ जीवन यापन करने का सपथ इस अवसर पर उपस्थित लोगो ने लिया |वही इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक विरहसप्त सिंह ने भी विश्व आदिवासी दिवस की बधाई एवं सुभकामनाये देते हए कहा कि आदिवासी सिर्फ छतीसगढ़, झारखंड, बंगाल या ओडिशा में नहीं, जर्मनी, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया आदि देश में भी हैं। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र भी इस बात की चिंता करती है कि दुनिया में जो भी समाज हैं, उसके मूल या आदिम जनजाति कैसे बचे रहें। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र ने 22 मार्च 2021 को घोषणा की थी कि 2022 से 2032 को “आदिवासी दशक” के रूप में मनाया जाएगा, जो सिर्फ भाषा के संरक्षण व संवर्द्धन पर केंद्रित होगा। घोषणा में आदिवासी भाषाओं के संरक्षण व उत्थान के लिए क्या-क्या किया जाना है, उसे भी रेखांकित किया गया है।हालांकि, समाज के मुख्यधारा से जोड़ने और आगे बढ़ाने के लिए देश-दुनिया में तमाम तरह के सरकारी कार्यक्रम और गैर-सरकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। भारत की बात करें तो देश की आजादी में आदिवासी समाज के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा ने झारखंड और छोटानागपुर क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाई थी।

राज्य की भूपेश बघेल के सरकार को आदीवासी हितएसी सरकार बताते हए आदिवासियों के लिए शासन की योजना में विशेष प्रावधान सामिल किये जाने की बात कही |कार्यकर्म में मुख्य रूप से चिलमा सरपंच अंजू लकड़ा, बादा सरपंच फ्रांसिस खलखो, राम लखन सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी सचिव आफताब आलम , पूर्व पार्षद सलीम खान, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सेराज खान जरहाडीह, पार्षद एवं अनुसूचित जन जाती ब्लाक अध्यक्ष संजय खाखा, सदर जफर अहमद उर्फ राजन, सरपंच संघ जिला अध्यक्ष बलरामपुर राज कुमार मुरुम, सोचना राम, मनोज गुप्ता, सरपंच पति अरुण तिर्की पाढी, संतोष इंजीनियर सामरी, सरपंच राजनपुर छत्रपाल नगवंसी, रविन्द्र सिंह झलपी खेरवार समाज अध्यक्ष, जान कुरुस, सहित हजारो की संख्या में लोग शामिल थे |

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