बिलासपुर ब्यूरो (कमलेश लवहात्रे ) | साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस एन एफ आई आर के आह्वान पर देशभर में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के विरोध में रेलवे कर्मचारियों द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन अपनी मांगों को लेकर किया बिलासपुर मे भी किया गया
संयुक्त संगठनों की मुख्य रूप से मांग है की
1 सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में बेचना बंद करे
2 नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को पुनः बहाल करे
3 रेलवे में निजी करण/ आउटसोर्सिंग करना बंद करे
4 श्रम विरोधी नीतियों को लागू करना बंद करे 5 युवाओं को सरकारी संस्थाओं में रोजगार से वंचित करना बंद करे युवाओं को नौकरी देना
6 कर्मचारी व पेंशन धारियों को दिए डी ए डीआर की एरियस 1 जनवरी 2020 से भुगतान करना
7 रात्रिकालीन कार्य भक्ता को सीलिंग रुपए 43600 लगाने के निर्णय को वापस लेना
8 एम ए सी पी के विसंगतियों को दूर करो सभी कर्मचारियों को एम ए सी पी का लाभ देना
9 बजट की कमी बताकर लाइन बॉक्स रनिंग यात्रा भत्ता ओवरटाइम रेलवे आवासों की रिपेयरिंग आदि सुविधाओं में कटौती व रोक लगाना बंद करे कर्मचारियों की बुनियादी सुविधाओं को पूर्ण रूप से देना प्रमुख मांगे है |
आंदोलन में रेलवे संयुक्त संगठन के वक्ताओं ने कहा कि 9 अगस्त 1942 में राष्ट्रपति महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन चला था यही आंदोलन बाद में देश के आजादी में एक आधार स्तंभ रहा आज देश फिर एक बार उसी संकट में आ खड़ा है देश की आम जनता किसान जवान श्रमिक वर्ग और युवाओं के भविष्य का प्रश्न चिन्ह लग चुका है इसलिए देश को बचाने की जिम्मेदारी लेते हुए सभी कर्मचारी संगठन एकत्रित होकर दयारा भाजपा की केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे इस कांति कारी आंदोलन में सम्मिलित होकर हमने अपने हक की लड़ाई को सभी संगठनों ने मजबूती दी |
वक्ताओं ने आगे कहा कि घर बैठे केंद्र सरकार को कोसने से कुछ नहीं होगा अपने हिस्से के अधिकार के लिए हम सब एकजुट होकर संयुक्त रूप से सभी संगठन समाधान निकलने तकहमे लड़ना होगा और केंद्र के मजदूर विरोधी तानाशाही मोदी सरकार को भगाना होगा |