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मानसून की दगाबाजी से किसानों के खेतों में पड़ने लगी दरारे किसान परेशान

अक्कू रिजवी/कांकेर : कांकेर आषाढ़ का महीना बीतने को है लेकिन मानसून की दगाबाजी ने किसानों को संकट में डाल दिया है बारिश के अभाव में धान के पौधे पीले पड़ने लगे हैं वहीं कुछ जगह पर किसान अभी तक धान की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं जिन किसानों की धान की नर्सरी तैयार हो गई है वह रोपाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। समय से पूर्व मानसून की दस्तक से किसानों में खुशी थी लेकिन आषाढ़ का महीना आरंभ होते ही मानसून रूठ गया है कांकेर चारामा नरहरपुर ब्लॉक में बहुत कम वर्षा हो रही है आसमान में बादल तो मरते हैं लेकिन बिना वर्षा के बादल लौट जाते हैं बारिश के अभाव में जहां धान के रोपाई का कार्य प्रभावित हो रहा है तो वहीं कुछ जगहों पर बारिश के अभाव में किसान अभी तक धान की बुवाई भी नहीं कर पा रहे हैं 17 जुलाई को दुर्गुकोंडल में 1 मिलीमीटर टो पखांजूर में 2 पॉइंट 4 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड किया गया है । जीले में एक राम रतन शोरी ने बताया कि बारिश नहीं होने से खेतों में पानी नहीं है। इस कारण रोपा लगाने का काम अटक गया है। दूसरी तरफ जोता बोवाई वाले खेतों में पानी नहीं होने के कारण बन (खरपतवार) तेजी से उग रहे हैं। कीटनाशक का छिड़काव तो कर दिया गया है, लेकिन अच्छी बारिश के इंतजार में किसान परेशान हो रहे हैं।पिछले कई दिनों से जिले में बारिश ना होने से किसान चिंतित हो रहे हैं बारिश थमने के कारण कुछ स्थानों पर किसानों की फसलें खराब होने लगी है यदि यही हाल रहा तो जिले के अधिकांश किसान अपनी फसल से हाथ धो बैठेंगे जिले में धान का नर्सरी तैयार कर चुके किसानों को अब बेसब्री से बारिश का इंतजार बना हुआ है मानसून ने शुरुआत में जमकर राहत पहुंचाई जिले में कुछ स्थानों पर हुई प्री मानसून बारिश ने किसानों को खेती के अनुकूल पानी दे दिया था शुरुआत में हुई जोरदार बारिश के बाद किसानों ने अपने खेतों का रुख कर लिया था आसमान में लगभग रोज ही बादल छा रहे हैं लेकिन यहां बादल किसानों को रोज चलते दिखाई दे रहे हैं बारिश का इंतजार कर रहे किसानों को आसमान से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है बारिश ना होने के कारण उन क्षेत्रों में फसलों को ज्यादा नुकसान हो रहा है जहां पर शुरुआती दौर में ही कम बारिश हुई है कम बारिश वाले क्षेत्रों में किसान खासे परेशान बने हुए हैं ।

इनका कहना है

कृषि अधिकारी नरेंद्र नागेश ने बताया कि जिले में 40% किसानों ने धान की बुवाई कर ली है लेकिन अब बारिश ना होने से रोपाई का कार्य प्रभावित हो रहा है।

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