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खाद के लिए दौड़ः सोसायटियों में स्टॉक खत्म, किसानों ने किया प्रदर्षन, इधर वर्मी खाद के नाम पर रेत मिलाकर कर रहे सप्लाई

तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : लंबे समय बाद मौसम के बदलाव होते ही मंगलवार को दोपहर में झमाझम बारिष हुई। जिससें किसानों की चिंता की लकीरें थोड़ी कम हुई है। लेकिन काम-काज छोड़कर किसान खाद के लिए रोजाना जद्दोजहद कर रहे है। सोसायटियों में चक्कर कांटनें के बावजूद स्टॉक नहीं होनें से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। मंगलवार को अछोली सोसायटी में खाद लेने पहुंचें किसानों को जब लौटाया गया तो किसान आक्रोषित हो गए और नारेबाजी करतें हुए तहसील दफतर पहुंचें। भाजपा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष जैनकुमार मेश्राम के नेतृत्व में किसानों ने तहसीलदार को अपनी समस्या बताई। उन्होंने कहा कि रोजाना सोसायटी पहुंचनें के बाद भी खाद नहीं मिल पा रहा है। हमें काम-काज छोड़कर केवल खाद खरीदनें के लिए सोसायटी पहुंचना पड़ रहा है। आक्रोषित किसानों ने कहा कि यदि खाद की समस्या को समाधान नहीं होता है, तो वे सड़क पर उतरकर धरना-प्रदर्षन करनें के मजबूर होंगे। सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि सप्लाई नहीं होनें की वजह से वे भी कुछ नहीं कर सकतें। बोनी व रोपा लगनें के बाद खेतों में खाद डालना आवष्यक है। किंतु सोसायटियों से किसानों को बैरंग ही लौटना पड़ता है। चिद्दों रोड स्थित नवीन खाद गोदाम से ब्लॉक के 13 सोसायटियों में खाद का वितरण होता है। करीब 10 सोसायटियों में यूरिया व डीएपी की कमी लगातार बनी हुई है। खाद गोदाम प्रभारी का कहना है कि राज्य स्तर से सप्लाई नहीं होनें की वजह से ही सोसायटियों में खाद नहीं भेजा जा रहा है। इसके अलावा हमाल को लेकर भी परेषानी बनी हुई है। हमालों को मजदूरी भुगतान की जिम्मेदारी समितियों पर है।
राज्य से खाद की सप्लाई में देरीः बोनी षुरू होनें से पहलें ही डीएपी व यूरिया की किल्लत षुरू हो गई थी। लेकिन मानसून आनें के बाद बियासी व रोपा लगानें का काम चालू है। ऐसे में अभी खाद की अत्यंत आवष्यकता है। लेकिन राज्य स्तर से सप्लाई में लेटलतीफी होनें की वजह से सोसायटियों तक खाद नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों को मजबूरन मार्केट से महंगे दाम पर खाद खरीदना पड़ रहा है। किसानों को सोसायटी से जब तक खाद वितरण होता तब तक मार्केट से खरीदकर काम चलाना पड़ेगा।

ट्रांसर्पोटिंग व हमाल को लेकर समस्याः खाद गोदाम से सोसायटियों तक खाद पहुंचानें को लेकर भी समस्या आ रही है। क्योंकि ट्रांसपोर्टर दिनभर में एक ही गाड़ी चला रहा है। जबकि डिमांड के हिसाब से तीन गाड़ियों की जरूरत है। वहीं हमालों की कमी के चलतें भी खाद की डिलीवरी में दिक्कतें आ रही है। बारिष षुरू होनें के बाद धान खरीदी केंद्रों से उठाव को लेकर भी खासा दबाव है। वहीं इसके साथ खाद की डिलीवरी भी प्रभावित हो रही है। हमालों को समिति भुगतान करेगी इसलिए हमालों की कमी हो रही है।
पुर्नगठन के बाद बनी नई सोसायटियों में खासी परेषानी- राज्य सरकार ने पिछलें वर्श सोसायटियों का पुर्नगठन किया है। इससें सोसायटियों की संख्या में इजाफा हुआ है। नई बनी सोसायटियों में कई तरह की परेषानी सामनें आ रही है। कई जगहों पर खाद रखनें की दिक्कत तो कई जगह सिस्टम ही अपडेट नहीं हो पाया है। बता दें कि ब्लॉक में 50 हजार हेक्टेयर धान की बोनी हुई है। अभी खाद की डिमांड हर गांवों में है, सोसायटी आपूर्ति नहीं कर पा रही है।

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